वाराणसी,। धर्म नगरी काशी में रविवार को हजरत सैयद सालार मसूद
गाजी मियां रहमतुल्लाह अलैह की हल्दी रस्म के साथ ही लग्न रखी गई। बड़ी
बाजार स्थित गाजी मियां के रौजे पर सवा महीने पूर्व लगन रखी गई। गाजीमियां
को गुस्ल कराने के बाद संदलपोशी और चादरपोशी की गई। इसके बाद मजार पर हल्दी
का लेपन किया गया। आस्ताने की दीवारों पर हल्दी लगे पंजों की छाप लगाई गई।
रस्म होने के बाद कुल शरीफ और सलातो सलाम पढ़ा गया ।
हिन्दू-मुस्लिम
एकता के प्रतीक गाजीमियां के दरगाह पर बड़ी सख्या में जुटे जायरीनों ने
अकीदत के साथ इसमें भागीदारी की। गाजी मियां की लग्न के साथ ही उनकी शादी
की रस्मों की शुरुआत भी हो गई जो सवा महीने तक चलेंगी। इसके बाद गाजी मियां
की पलंगपीढ़ी व मेदनी का कार्यक्रम होगा।
दरगाह कमेटी के
गद्दीनशीन/सेक्रेटरी हाजी एजाजुद्दीन हाशमी के देखरेख में कमेटी के सदर
हाजी सिराजुद्दीन अहमद, नियाजुद्दीन हाशमी,अब्दुल्लाह हाशमी,चॉद बंसल
डा०अजीजुरर्हमान ,शमीम अख्तर ने व्यवस्था में सहयोग किया।
गौरतलब
हो कि महमूद गजनवी के सिपहसलार सालार मसूद गाजी मियां का सलारपुरा (बड़ी
बाजार) में दरगाह है। यहां प्रतिवर्ष गांजी मिया के विवाह के अवसर पर लाखों
लोगों की भीड़ मजार पर जुटती है। इसमें मुस्लिम समुदाय के साथ हिन्दू भी
बड़ी सख्या में शामिल होते है। गाजी मिंया के शादी के तैयारियों में सवा
महीने का लगन रखने की रवायत के बाद पलंग-पीढ़ी (बारात की रस्म का जुलूस)
बहराइच स्थित दरगाह पर भेजा जाता है। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की
भागीदारी होती है। पलंग पीढ़ी का जुलूस बुनकर मार्केट, काजी सादुल्लापुरा,
चौकाघाट, हुकुलगंज, तिराहा, मकबूल आलम रोड, पुलिस लाइन, भोजूबीर होते हुए
शिवपुर से बहराइच के लिए वाहन से रवाना होता है। गाजी मियां की शादी के
मौके पर मन्नत मांगने बड़ी संख्या में जुटते हैं। इसमें शादी, औलाद व लम्बी
बीमारी से मुक्ति आदि मुराद की आस में लोग शामिल होते हैं।