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ईओयू का खुलासा : बीपीएससी टीआरई-3.0 पेपर लीक का मास्टरमाइंड था डॉ. शिव -सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक में भी था हाथ


ईओयू का खुलासा : बीपीएससी टीआरई-3.0 पेपर लीक का मास्टरमाइंड था डॉ. शिव 
-सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक में भी था हाथ 
- अंतरराज्यीय गिरोह के तार कई राज्यों से थे जुड़े
पटना ।बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा टीआरई- 3.0 के पेपर लीक मामले में ईओयू ने बड़ा खुलासा किया है। पेपर लीक का मास्टरमाइंड डॉ. शिव कुमार उर्फ शिव उर्फ बिट्टू ही है। मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किए गए 5 अपराधियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कथित नीट यूजी पेपर लीक मामले की जांच अब इओयू करेगी। ईओयू के एसपी मदन कुमार करेंगे। ईओयू की ओर से बताया गया है कि डॉक्टर शिव कुमार 2017 में नीट-यूजी के परीक्षा पत्र लीक का अभियुक्त भी रहा है। मामले में पटना के पत्रकार नगर थाने में एक केस भी दर्ज है। इस कांड में शुभम मंडल भी शामिल था, जो पटना के खगौल अफसर कॉलोनी का रहने वाला है। ईओयू के मुताबिक, सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक में भी इनका ही हाथ था।यह लगातार कई महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों की प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक और फर्जीवाड़ा को अंजाम देता आ रहा है। इसी वर्ष उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक कांड में भी इन दोनों की संलिप्तता सामने आई है। इस अंतरराज्यीय गिरोह के तार उत्तर प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार एवं अन्य कई राज्यों से जुड़े हैं।
-प्रश्नपत्र की पेटी को स्पेशलाइज्ड टूल्स से खोलकर स्कैन किया गया
12 मार्च को राहुल पासवान ने श्रीनिवास चौधरी को अपने साथ मिलाकर पटना से नवादा प्रश्न पत्र ले जाने के क्रम में ही उसे पेटी से निकालकर स्कैन करने की योजना बनाई। नवादा के लिए प्रश्न पत्र लेकर जाने वाले ड्राइवर राजभवन पासवान, श्रीनिवास और राहुल को इस कार्य के लिए मोटे रकम का लालच देकर तैयार कर लिया गया।जैसे ही गाड़ी बुद्धा फैमिली रेस्टोरेंट नगरनौसा पहुंची और चालक ने गाड़ी खड़ी की, वहां योजनानुसार पूर्व से ही शिव कुमार और इनके पिता संजीव मुखिया के साथ इनके गिरोह के कई सदस्य मौजूद थे। वहां होटल मालिक अवधेश कुमार की निगरानी में ही प्रश्नपत्र की पेटी को स्पेशलाइज्ड टूल्स के माध्यम से खोलकर स्कैन कर लिया गया। ईओयू की टीम ने उनके पास से कुछ स्पेशलाइज्ड टूल्स भी जब्त किए हैं।
-अभ्यर्थी को याद करवाए गए उत्तर
गिरोह को प्रश्नपत्र प्राप्त होते ही अलग-अलग माध्यमों से अन्य सदस्यों के पास पहुंचा दिया गया। जिसे वे पूर्व से तय राशि 10 से 12 लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी पर हजारीबाग के कोहिनूर बैंकेट हॉल में सैकड़ों अभ्यर्थियों के बीच पहुंचा दिया। सभी को प्रश्नों के उत्तर याद करवा दिए।
-अब तक कुल 279 अभियुक्त गिरफ्तार
इस खुलासे के बाद गठित टीम की ओर से कई जिलों में निरंतर छापेमारी कर जेनिथ लॉजिस्टिक्स के दो मुंशी राहुल पासवान और रमेश पासवान, जेनिथ लॉजिस्टिक्स के चालक रामभवन पासवान और शिवाकांत सिंह कोरियर कंपनी के वेंडर श्रीनिवास चौधरी, बुद्धा फैमिली रेस्टोरेंट नगरनौसा के अवधेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है।इन सभी से भी पूरी घटना के संबंध में विस्तृत पूछताछ की गई है, जिससे कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई। अब तक इस पेपर लीक मामले में कुल 279 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है।
-सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक में भी था हाथ
ईओयू ने बताया कि बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा 2023 पेपर लीक मामले में ट्रांसपोर्टर का कार्य डीपी वर्ल्ड कंपनी को मिला था। जिनके द्वारा पुनः यह जिम्मेदारी जेनिथ लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड पटना को दिया गया था। इस कांड में जेनिथ लॉजिस्टिक्स के ही दो मुंशी राहुल पासवान, रमेश पासवान और दो चालक रामभवन पासवान और शिवाकांत सिंह को गिरफ्तार किया गया है। इसके आधार पर बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा प्रश्न-पत्र लीक मामले में भी महत्वपूर्ण सुराग प्राप्त हुए हैं।

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