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रांची लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच होगी कड़ी टक्कर , रामटहल चौधरी के आने से सुबोधकांत की बढ़ेगी ताकत


रांची लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच होगी कड़ी टक्कर , रामटहल चौधरी के आने से सुबोधकांत की बढ़ेगी ताकत
रांची: रांची लोकसभा सीट पर इस बार पिछली बार की तरह मुकाबला एक तरफा नही होगा। रांची सीट पर इस बार कांटे की टक्कर होगी। इंडिया गठबंधन की ओर से अभी तय नहीं है कि कौन लड़ेगा। वैसे इस सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता सुबोधकांत सहाय लड़ते आए हैं, उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी उन्हें ही मौका मिलेगा। दिलचस्प बात यह है कि इस बार कांग्रेस में पूर्व सांसद रामटहल चौधरी शामिल हो गए हैं। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि महतो वोट कांग्रेस को मिल सकती है। हालांकि रांची सीट के लिए रामटहल चौधरी भी प्रयासरत है। रांची सीट किसे मिलेगा यह तो कांग्रेस के घोषणा के बाद ही पता चल पाएगा। हालांकि रांची लोकसभा सीट को लेकर एक धारणा बन गई है कि यहां से भाजपा प्रत्याशी की जीत तय है। क्योंकि इसे भाजपा के गढ़ की भी संज्ञा दी जाने लगी है। लेकिन ऐसा नहीं है। इस सीट पर कांग्रेस का भी दबदबा रहा है। अलग बात है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम कैंडिडेट घोषित किए जाने के बाद से अबतक हुए दो चुनावों में भाजपा प्रत्याशी की जीत होती आ रही है। वर्तमान में संजय सेठ रांची से भाजपा के सांसद हैं। इसबार भी पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है।  सुबोधकांत सहाय ने यहां से दो बार चुनाव जीतकर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में कई मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी। 1980 से 2019 तक हुए 11 लोकसभा चुनावों की बात करें तो छह बार भाजपा, चार बार कांग्रेस और एक बार जनता दल की जीत हुई है। 1980 और 1984 में कांग्रेस के शिवप्रसाद साहू जीते थे। इसके बाद जनता दल की टिकट पर सुबोधकांत सहाय ने 1989 का चुनाव जीता। लेकिन 1991 से 1999 के बीच चार चुनावों में भाजपा के रामटहल चौधरी जीतते रहे।

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