नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ने मंगलवार को कर मुकदमेबाजी को कम करने और कर प्रक्रिया को सरल बनाने के मद्देनजर प्रत्यक्ष कर से जुड़े 573 मामलों का निपटारा किया है। इन मामलों में कर की रकम 5 करोड़ रुपये से कम थी।
वित्त मंत्रालय ने जारी बयान में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 573 प्रत्यक्ष कर से जुड़े मामलों का निपटारा किया है। इन मामलों में अपील दायर करने की संशोधित मौद्रिक सीमा 5 करोड़ रुपये से कम थी। मंत्रालय के मुताबिक यह महत्वपूर्ण उपलब्धि कर मुकदमेबाजी को कम करने और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के अनुरूप है। केंद्रीय बजट 2024-25 की घोषणा के मुताबिक सीबीडीटी और सीबीआईसी ने अपने-अपने डोमेन में अपील दायर करने के लिए मौद्रिक सीमा बढ़ाने के लिए आवश्यक आदेश जारी किए थे।
मंत्रालय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपील दायर करने की मौद्रिक सीमा में बदलाव के बाद इन मामलों का निपटारा किया है। इन बदलावों से कर से जुड़े मुकदमों में कमी आएगी और कर विवादों का समाधान तेजी से होगा। इसके साथ ही कारोबार आसान होगा। केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रत्यक्ष कर, सेवा कर, और उत्पाद शुल्क से जुड़ी अपीलों के लिए मौद्रिक सीमा को बढ़ाया गया है। इसका मकसद मुकदमेबाजी को कम करना, कर प्रक्रियाओं को आसान बनाना और व्यवसायों के लिए अच्छा माहौल बनाना है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बजट 2024-25 में कर न्यायाधिकरणों, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यक्ष कर, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपील दायर करने के लिए बढ़ी हुई मौद्रिक सीमा प्रदान की गई है। केंद्रीय बजट में इस सीमा को क्रमशः 60 लाख रुपये, 2 करोड़ रुपये और 5 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया है।