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भाजपा पूर्वांचल के लोगों को रोहिंग्या बताकर उनके अधिकार छीनना चाहती हैः अरविंद केजरीवाल


नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आआपा) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा पूर्वांचल के लोगों को रोहिंग्या बताकर उनके अधिकार छीनना चाहती है दूसरी तरफ हमने पिछले 10 वर्षों में दिन-रात मेहनत करके अपने पूर्वांचल समाज के लोगों को दिल्ली में सम्मानजनक जीवन देने का काम किया। जिन पूर्वांचली भाइयों ने अपने खून-पसीने से दिल्ली के निर्माण में योगदान दिया, उन्हें भाजपा रोहिंग्या कैसे कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा पूर्वांचल समाज के लोगों का वोट कटवाकर उनकी नागरिकता के साथ ही वोटर कार्ड से मिलने वाली सुविधाएं भी छीनना चाहती है लेकिन हम किसी का वोट कटने नहीं देंगे।

इस बीच सांसद संजय सिंह ने कहा कि पूर्वांचल कालोनियों में यात्रा निकालेंगे। वहीं रात्रि प्रवास करेंगे और पूर्वांचल समाज के लोगों को भाजपा की इस साजिश के खिलाफ एकजुट करेंगे। उन्होंने कहा कि

भाजपा पूर्वांचल समाज के लोगों का वोट कटवाकर उनकी नागरिकता के साथ ही वोटर कार्ड से मिलने वाली सुविधाएं भी छीन रही है।

प्रेस वार्ता में केजरीवाल ने कहा कि दो दिन पहले भाजपा वालों ने सदन के अंदर पूर्वांचली समाज के खिलाफ बहुत गलत बात बोली थी। उन्होंने दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचली समाज को रोहिंग्या घुसपैठिए और बांग्लादेशी लोगों के साथ तुलना की थी और कहा था कि भाजपा के लोग फॉर्म भरकर पूर्वांचली समाज के लोगों के नाम कटवा रहे हैं।

केजरीवाल ने आगे कहा कि मुझे 2013 का चुनाव आज भी याद है। मैं 2013 में जब कच्ची कॉलोनियों में जाता था तो घुटने तक पानी और कीचड़ रहता था। गलियों में चलना मुश्किल होता था। पानी की निकासी नहीं होती थी। पीने के पानी का कोई सिस्टम नहीं था। कोई सीवर सिस्टम नहीं था। कोई ड्रेनेज सिस्टम नहीं था। कोई सड़कें, गलियां, नालियां, अस्पताल और स्कूल नहीं थे। कच्ची कॉलोनियों के अंदर कुछ नहीं था। किसानों और बिल्डरों ने अपनी जमीनें काटकर गलत तरीके से बेच दी थीं। उन हालातों में यह लोग रहते थे। मैं जब 2015 में जब मुख्यमंत्री बना, मैंने अफसरों को बुलाकर कहा कि कच्ची कॉलोनियों में हमें सड़कें, नालियां बनानी हैं। हमें इन्हें इज्जत की जिंदगी देनी है, तो अफसरों ने कहा कि यह काम नहीं हो सकता। मैंने पूछा क्यों नहीं हो सकता तो उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के ऑर्डर हैं कि कच्ची कॉलोनियों में विकास नहीं किया जा सकता। उन सारी अड़चनों, सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार को ऑर्डरों को, हमने सारी अड़चनों को पार करके कच्ची कॉलोनियों में विकास करना शुरू किया।

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