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छत्‍तीसगढ़ में धड़ल्ले से बिक रही नकली और अमानक दवाएं : दीपक बैज


रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ सरकार की लापरवाही के कारण प्रदेश में नकली और अमानक दवाएं धड़ल्ले से बिक रही है। लगभग आधा दर्जन से अधिक मेडिकल कालेजों और जिला अस्पतालों में अमानक दवाएं मिली है। देश भर में कफ सिरफ की गड़बड़ियों से भी सरकार सचेत नहीं हुई है। केवल एक आदेश निकाल दिया गया कि प्रदेश में 2 साल से कम के बच्चों को कफ सिरफ नहीं दिया जाएगा। लेकिन अमानक कफ सिर्फ की गुणवत्ता जांचने बाजार में उसकी उपलब्धता रोकने कोई कार्यवाही छापेमारी नहीं की गई।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, सरकार नवंबर माह से 32 लाख उपभोक्ताओं को राशन नहीं देगी। यह सरकार का गलत कदम है सरकार नहीं चाहती कि सभी को राशन देना पड़े इसलिए केवायसी का बहाना किया जा रहा। सरकार बनने के बाद सभी राशन कार्ड नए सिरे से बनाए गए थे उनमें मुख्यमंत्री अपनी फोटो छपवाए थे जब दो साल पहले राशन कार्ड बनाने आधार कार्ड लिया गया था फिर उनको अचानक क्यों रद्द किया जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, दुर्ग कोंदुल ब्लाक के 163 स्कूलो के मरम्मत कार्य मे हुई भ्रष्टाचार पर कार्यवाही की मांग को लेकर युवाओं का अर्धनग्न प्रदर्शन करना भाजपा सरकार की भ्रष्टाचार की चरम पार करने को प्रदर्शित करता है। दुर्ग कोंदुल ब्लाक में 163 स्कूलों के मरम्मत कार्य के लिए 6 करोड़ 63 लाख रुपये स्वीकृत किया गया था लेकिन स्कूलों का मरमरत कार्य पूर्ण नहीं हुआ और अधिकारियों ने ठेकेदार के साथ साठ-गांठ कर 100 प्रतिशत भुगतान कर दिया। जिसके खिलाफ युवा आक्रोशित है वो इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदारों पर कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, सरकार के तरफ से बयान आया है कि अभी तक 21 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जबकि पिछले साल लगभग 27 लाख किसानों ने धान बेचा था। मतलब अभी तक 6 लाख से अधिक किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है। एग्री स्टेक पंजीयन में आ रही परेशानी के कारण किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है। हमारी मांग है कि पूरे अक्टूबर माह तक पंजीयन कराया जाय जिनका एग्री स्टेक पोर्टल में पंजीयन नहीं हो पा रहा उनका सोसायटी के माध्यम से पंजीयन कराया जाय। कांग्रेस ने 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान खरीद 1 नवंबर से शुरु करने और धान की कीमत 3286 रुपये भुगतान करने की मांग की है।

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