देहरादून। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं और महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बुधवार को संयुक्त रूप से बारिश में सचिवालय कूच कर विरोध-प्रदर्शन किया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत महिला कांग्रेस कार्यकर्ता और स्वयं सहायता समूहों की महिला कार्यकर्ता कांग्रेस मुख्यालय पर एकत्र हुईं। जहां से उन्होंने सचिवालय कूच किया। पहले से मौजूद बड़ी संख्या में पुलिस बल ने पुलिस मुख्यालय से पहले बैरकेंडिंग लगाकर आगे जाने से रोक दिया। इस दौरान महिला कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच काफी नोकझोंक भी हुई। इस मौके पर महिला कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा। कांग्रेस महिला ने धामी सरकार से पोषाहार योजना के क्रियान्वयन में अन्य राज्यों की भांति महिला स्वयं सहायता समूहों को भी शामिल करने की मांग की।
इस मौके पर महिला अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि राज्य सरकार एक ओर से जहां महिला सशक्तिकरण के माध्यम से महिलाओं को सशक्त और स्वावलंबी बनाने की बात की जाती है, वहीं महिलाओं के उत्थान के लिए संचाचित योजनाओं में महिलाओं के विपरीत कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद भी महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से टी.एच.आर. का भुगतान रोक कर महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रताड़ित किया गया। 2022 से टेक होम राशन के वितरण का काम स्वयं सहायता समूहों से लेकर फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया से करवाना शुरू कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस पार्टी के टेक होम राशन की टेण्डर प्रक्रिया पर हाई कोर्ट के आदेश से स्वयं सहायता समूह को थोड़ी राहत मिली थी। इसके उपरान्त नवम्बर 2022 में राज्य सरकार इस योजना को यह कहते हुए बंद कर दिया गया कि भारत सरकार के आदेशों का पालन किया गया है। अब एक बार फिर से राज्य सरकार बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाये हुए ठेका भारत सरकार की ऐजेंसी एन.सी.सी.एफ. को देने के लिए मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पास करने की योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में नैफेड की ओर से स्थानीय स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर काम कर रहा है। सरकार के इस निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा सरकार की महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने की बात महज एक दिखावा है।
सचिवालय घेराव कार्यक्रम में प्रदेश महिला उपाध्यक्ष नजमा खान,आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, महानगर अध्यक्ष उर्मिला थापा, चन्द्रकला नेगी, पुष्पा पंवार, निधि नेगी, पूनम सिंह, जिलाध्यक्ष अंशुल त्यागी, अनुराधा तिवारी, अमृता कौशल, स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष रीता नेगी, सचिव कोमल, फरजाना, निर्मला, भूरी,नन्दा, पिंकी, मीतू और रीना आदि अनेक महिलाएं शामिल थीं।