जयपुर। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को डिजीटल गिरफ्तार कर पैंतीस लाख रुपये ठगने के मामला सामने आया। जानकारी के अनुसार साइबर ठगों ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कई घंटों तक डिजीटल गिरफ्तार कर पहले पन्द्रह लाख रुपये और फिर बीस लाख रुपये लोन दिलवाकर लिए। इस दौरान रोते समय भी आरोपितों ने पीड़ित को वीडियो कॉल पर रखा। ठगी का शक होने पर पीड़ित ने जयपुर पुलिस कमिश्नरेट स्थित साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में जुटी है।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित सॉफ्टवेयर इंजीनियर जयपुर में रहकर एक कंपनी में नौकरी करते हैं। चौबीस सितम्बर को उसके मोबाइल पर एक व्यक्ति का फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को नामी कूरियर कंपनी से बोलना बताया आैर उनके नाम के आए पार्सल का मुंबई से ताइवान जाना बताया। पार्सल को अरमान नाम के व्यक्ति ने बुक कराया है। इसमें भारी मात्रा में ड्रग्स रखी होने के कारण इसकी सूचना पुलिस को भी दे दी गई है।
कुछ देर बाद दूसरे मोबाइल नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बोलना बताया। एनडीपीएस एक्ट केस की धमकी देते हुए आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज मांगे। उसके बाद बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग केस भी बनेगा और केस में फंसाने की धमकियां देकर वीडियो कॉल कर उसे सम्पर्क कर लिया। अलग-अलग तरीके से धमकाते हुए पैंतीस लाख रुपये हड़प लिए। साइबर ठगों ने पीड़ित सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कई घंटों तक डिजीटल गिरफ्तार रखा।
पुलिस के अनुसार साइबर ठगों ने पहले पीड़ित के बैंक खाते में जमा पन्द्रह लाख रुपये ऐंठे। उसके बाद मोबाइल पर एक एप्लीकेशन डाउनलोड करवाकर ऑनलाइन बीस लाख रुपये का लोन दिलवाकर लिए। साइबर ठगों ने निगरानी के लिए रात को सोते समय भी वीडियो कॉल जारी रखवाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में जुटी है।