जयपुर। राजस्थान भाजपा के वयोवृद्ध नेता सुंदरलाल ‘काका‘ का निधन हो गया है। उन्होंने एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली। एसएमएस के मेडिकल आईसीयू में काका का इलाज चल रहा था। सुंदरलाल काका शेखावाटी के प्रखर दलित नेता माने जाते हैं। इनके निधन से प्रदेशभर में शोक की लहर छा गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने काका के निधन पर संवेदना व्यक्त की है।
सुंदरलाल ‘काका’ शेखावाटी क्षेत्र के कद्दावर नेता थे। झुंझुनूं के सूरजगढ़ और पिलानी विधानसभा क्षेत्र से काका सुंदरलाल सात बार विधायक रहे थे। वे दाे बार केबिनेट मंत्री, एक बार राज्य मंत्री व एक बार संसदीय सचिव भी बने। काका सुंदरलाल ने सूरजगढ़ से कांग्रेस की टिकट पर 1972 में पहला चुनाव लड़ा था और पहली बार सूरजगढ़ से विधायक बने थे। काका सुंदरलाल का जन्म 22 अगस्त 1933 को झुंझुनूं जिले के बुहाना तहसील के कलवा गांव में हुआ था। पूर्व कैबिनेट मंत्री सुंदरलाल ने 22 अगस्त को ही अपना 92वां जन्मदिवस मनाया था। सुंदरलाल ‘काका’ का लम्बी बीमारी के बाद गुरुवार की देर रात करीब 2 बज कर 40 मिनट पर निधन हो गया। उनकी आयु 92 साल की थी। उन्होंने जयपुर के एसएमएस अस्पताल में अंतिम सांस ली। फेफड़ों में इंफेक्शन और सांस लेने में तकलीफ के कारण उन्हें 24 अगस्त को जयपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इसके कुछ दिन बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी और वे जयपुर में अपने आवास पर रह रहे थे। काका के निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। राजनीति में अपने करीब 60 साल के कॅरियर में वे हमेशा अपनी बात को बेबाक तरीके से कहने और ठेठ देसी अंदाज के लिए जाने गए। इसी कारण लोग उन्हें काका कहते थे।
राजनीति में आने से पहले सुंदरलाल का जीवन काफी संघर्षमय रहा। आजीविका के लिए वे नेपाल में लकड़ी काटने के काम पर गए थे, जहां उन्हें डेढ़ रुपया प्रतिदिन की मजदूरी मिलती थी। काका सुंदरलाल ही कई बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि एक बार वहां उन्होंने किसी कार्यक्रम में एक भजन सुनाया, जिसके लिए उन्हें 300 रुपए मिले। मजदूरी से महीने के 45 रुपए मिलते थे और भजन गाने पर 300 रुपए मिले। हालाकि बाद में काका गांव लौट आए। 1993 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर आई थी, लेकिन स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया था। पार्टी का नेतृत्व भैरो सिंह शेखावत कर रहे थे। सरकार बनाने के लिए एक-एक वोट कीमती था। भैंरो सिंह शेखावत ने चुनाव परिणाम आने के बाद काका को फोन किया, कहा लेने के लिए आ जाता हूं, मेरे साथ चलोगे? काका ने कहा कि आ जाओ। तब भैरोसिंह हेलीकॉप्टर से काका सुंदरलाल को लेने आए थे। सुंदरलाल, भैंरोसिंह शेखावत के साथ जयपुर पहुंचे और उनको अपना समर्थन दिया। बाद में शेखावत के कहने पर ही सुंदरलाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। शेखावत ने ही काका सुंदरलाल को 1998 में पहली बार मंत्री बनाया। उन्हें ऊर्जा और मोटर गैराज राज्य मंत्री का पद दिया गया था। काका हमेशा अपनी बेबाकी के लिए जाने गए और क्षेत्र के साथ ही पार्टी में उनकी खासी पकड़ थी। 2003 के बाद से वे लगातार भाजपा से जुड़े रहे, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में ऐसा भी वक्त आया जब बेटे को टिकट नहीं मिलने के कारण वे रो पड़े और भाजपा से बगावत की। 2018 में अपनी उम्र को देखते हुए उन्होंने खुद ने तो चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, लेकिन इसके बदले पार्टी से अपने बेटे कैलाश मेघवाल के लिए टिकट मांग लिया।पार्टी ने भी उनके कहने पर यह टिकट कैलाश मेघवाल को दे दिया, लेकिन वे हार गए। 2023 में पार्टी ने यहां से राजेश दहिया को टिकट दिया। जिस पर काका काफी नाराज हो गए थे। एक प्रेसवार्ता करते समय उनकी आंखों से आंसू भी निकल आए थे। इसके बाद उनके बेटे कैलाश मेघवाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा हालाकि वे तीसरे स्थान पर रहे।
खास बात ये है कि सुंदरलाल केवल साक्षर थे। इसके बावजूद लगातार तीन चुनाव में उन्होंने आरएएस से लेकर आईएएस तक को हराया। 2003 के चुनाव में उन्होंने सूरजगढ़ से चुनाव लड़ा, उनके सामने दूसरे नंबर पर निर्दलीय बाबूलाल खांडा थे जो जिला कोषाधिकारी के पद पर थे और वीआरएस लेकर चुनाव लड़ा था। 2008 में काका ने पिलानी से चुनाव लड़ा, तब उनके सामने कांग्रेस के हनुमान प्रसाद थे जो रिटायर्ड आईएएस और राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष थे। इस चुनाव में भी काका ही जीते। इसी प्रकार 2013 के चुनाव में काका के सामने कांग्रेस के जेपी चंदेलिया थे, जो रिटायर्ड आईएएस थे। काका की पकड़ के सामने चंदेलिया को हारना पड़ा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने काका के निधन पर संवेदना जताते हुए लिखा कि “पूर्व कैबिनेट मंत्री, राजस्थान भाजपा के वयोवृद्ध नेता सुन्दरलाल “काका” के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। उनका देवलोकगमन भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणो में स्थान एवं परिवारजनों को इस दुख की घड़ी में संबल प्रदान करें। ॐ शांति!”
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने शोक जताते हुए लिखा कि “पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुंदरलाल काका के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। उनके द्वारा राजनीति और समाजिक क्षेत्र में किए गए योगदानों को हमेशा याद रखा जाएगा। इस दुःख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार, समर्थकों और सभी प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ हैं। परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकसंतप्त परिवारजनों को इस दुःखद घड़ी में संबंल प्रदान करें। ॐ शांति!”