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झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव क्यों नहीं, खुलासा होने पर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल?


नई दिल्ली। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा जम्मू कश्मीर और हरियाणा में चुनाव की अधिसूचना जारी की है। झारखंड,महाराष्ट्र तथा 46 सीटों के विधानसभा के उपचुनाव कराने की घोषणा नहीं की थी। जबकि हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव पिछले कई बार से हमेशा एक साथ होते रहे हैं। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में जो विधायक सांसद चुन गए थे। उन्होंने अपने इस्तीफा दे दिए थे। 40 विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना था। उसमें सर्वाधिक उत्तर प्रदेश के 10 विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होने थे। असम,बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश इत्यादि राज्यों में भी विधायक पद के लिए उपचुनाव नहीं कराए गए। 
 पत्रकारों द्वारा सवाल किए जाने पर केंद्रीय चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा था। बाढ़ की स्थिति होने के कारण चुनाव नहीं कराए गए हैं। झारखंड में उन्होंने बाढ़ की आशंका जताई थी। वहीं महाराष्ट्र में उन्होंने तीज त्योहार और अन्य कारणों से चुनाव नहीं कराने की बात कही थी। 
 हाल ही में झारखंड राज्य के चंपई की बगावत की खबरें सामने आ रही हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री हैं। हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद वह झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। अब वहां पर दलबदल की कोशिश शुरू हो गई है। वह अपने साथ 6 विधायकों को लेकर भाजपा में शामिल होने वाले हैं। असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा शर्मा ने झारखंड में जाकर जब पत्रकारों से कहा 2 महीने पहले असम में बाढ़ आई थी। बिहार, झारखंड,असम में कहीं बाढ़ नहीं है। हेमंत असम के मुख्यमंत्री हैं, वहां पर भी उपचुनाव होने थे। उनके यह कहने से स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र और झारखंड में जिस तरह विधानसभा चुनाव के पूर्व लोटस अभियान शुरू किया गया है। शायद इसलिए वहां पर चुनाव की घोषणा नहीं की गई है। 
 विपक्षी दल अब चुनाव आयोग पर सीधे-सीधे निशाना साथ रहे हैं। वह सरकार के इशारे पर ही चुनाव कराते हैं। चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से नहीं हो रहे हैं। इंडिया गठबंधन मैं शामिल राजनीतिक दल झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की राजनीतिक घटनाओं को देखते हुए आरोप लगा रहे हैं। वहां पर चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार के इशारे पर चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। वहां पर अभी भाजपा के लिए अनुकूल स्थिति नहीं थी। इसलिए चुनाव आयोग ने चुनाव टाल दिए हैं। 
चुनाव आयोग जिस तरह से विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा शर्मा ने जिस तरह से असम, बिहार और झारखंड में 2 महीने पहले बाढ़ की बात कहकर, चुनाव आयोग राजीव कुमार की बातों को झुठला दिया है। इससे आगे चलकर चुनाव आयोग को जवाब देना मुश्किल होगा। राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग पर निशाना साधा जा रहा है। 

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