नई
दिल्ली, कांग्रेस पार्टी ने वित्त मंत्री निर्मला
सीतारमण से देश में बेराेजगारी और आर्थिक असमानता काे केंद्रीय बजट में हल
करने की मांग की है।
शुक्रवार काे कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता
सुप्रिया श्रीनेत ने कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता के दाैरान आरोप
लगाया कि केंद्र सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन, नोटबंदी, आधे-अधूरे जीएसटी
कार्यान्वयन और अक्षम कोविड प्रबंधन जैसी नीतियों के कारण देश की
अर्थव्यवस्था को 11.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पिछले 10 वर्षों
के दौरान देश में 1.5 करोड़ से अधिक नौकरियां चली गईं। अनुबंध और अनुबंध
श्रमिकों की हिस्सेदारी 2013 में 19 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 43 प्रतिशत
हो गई।
सुप्रिया श्रीनेत ने एक लोकल सर्किल्स की रिपोर्ट के हवाले
से कहा कि देश के 48 प्रतिशत परिवार वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं, आय
कम हो रही है और लोग अपनी बचत पर निर्भर हैं। उन्हाेंने बजट पूर्व न्यूनतम
समर्थन मूल्य (एमएसपी) काे लेकर किसानाें, बेरोजगार युवाओं और कम आय वाले
नागरिक समूहों से परामर्श नहीं करने के लिए वित्त मंत्री की आलोचना भी की।
कांग्रेस
महिला नेता ने कहा कि आज देश में महंगाई की मार से हर कोई परेशान है। खाने
पीने की वस्तुएं मंहगी हाे रही हैं। खुदरा मंहगाई दर लगातार 9% के ऊपर बनी
हुई है और सब्जियों की कीमतों में 30 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त हुई है।
पिछले 5 साल में स्वास्थ्य बजट 2.4 प्रतिशत से घटकर 1.9 प्रतिशत हो गया
है। हालात ये हैं कि 2023 में हमारे देश के 16 लाख बच्चों को एक भी टीका
नहीं लगा। दवाइयों पर भी जीएसटी लगा दी गई है। शिक्षा बजट को 7% कम कर
दिया गया। जहां यूपीए सरकार शिक्षा पर जीडीपी का औसतन 0.61 प्रतिशत खर्च
करती थी, वहीं मोदी सरकार ने इसे 0.44 प्रतिशत कर दिया।
उन्होंने
कहा कि हिंदुस्तान के जो शीर्ष व्यापारिक साझेदार देश हैं, उनमें से 9 के
साथ हम आयात ज्यादा कर रहे हैं निर्यात कम कर रहे हैं। हिंदुस्तान का सबसे
बड़ा व्यापारिक साझेदार चीन है। चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा 80 बिलियन
डॉलर से भी ज्यादा है। देश में निवेश पूरी तरह से मंदा है। एक दशक पहले
निवेश 30 प्रतिशत होता था, वो आज 20-25 प्रतिशत रह गया। वित्तीय वर्ष
2021 में एफडीआई 60 बिलियन डॉलर था, जो पिछले 5 साल में घटकर 44 बिलियन
डॉलर रह गया है। यहां न तो भारतीय निवेशक और न विदेशी निवेशक निवेश करने को
तैयार हैं।
श्रीनेत ने कहा कि इस देश की बहुत बड़ी आबादी खेतों में
काम करती है। वित्तीय वर्ष 2024 में कृषि की वृद्धि दर महज 1.4 प्रतिशत रह
गई है जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में 4.7 प्रतिशत थी। उन्हाेंने कहा कि जिस
कृषि क्षेत्र में हमारे सबसे ज्यादा लोग काम करते हैं, केंद्र सरकार ने
उसका बजट लगातार कम किया है। 60,000 करोड़ रुपये मूल्य की ऑटो इन्वेंटरी
बिना बिकी पड़ी है।
सुप्रिया श्रीनेत ने वित्त मंत्री निर्मला
सीतारमण से देश में बेराेजगारी और आर्थिक असमानता काे केंद्रीय बजट में हल
करने की मांग की।