नदी व तालाब के पास के खेतों में ज्यादा नुकसान:
लागतार बारिश से नदी व तालाबों के पास जो खेत है। उन्हें तो बहुत अधिक नुकसान हुआ है। उनके खेतों में पानी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। इसके साथ कहीं खेतों में पानी निकले जगह नहीं है। वहा अभी भी पानी भरा हुआ है। वहीं दो तीन दिनों से सतत बारिश होने से फसलों के गलने की शिकायत के साथ फसल का सडऩा भी तय माना जा रहा है। सिखेडी़, भदवासा, कांडरवासा, घटवास, बडौदा, सिखेड़ी सहित अनेक किसानों ने बताया कि क्षेत्र में कई अधिकांश किसानों की सोयाबीन पककर तैयार हो चुकी है। किंतु लगातार बारिश की वजह से कटाई नहीं हो पा रही है। खेतों में पानी भरने के बाद अब दाने अंकुरित होने लगे हैं। जल्द मौसम साफ नहीं हुआ है, तो किसान बर्बाद हो जाएंगे।
रतलाम। कहते है कि परेशानी आती है तो चारों ओर से आती है ऐसी ही परिस्थिति इन दिनों किसानों की है, जहां पहले ही सोयाबीन के भाव नहीं मिल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लगातार हो रही बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेत में पानी भरने से तालाब बन गए हैं जिसमें फसलें पानी में तैर रही हैं।
इससे सोयाबीन की कटाई प्रभावित हुई हैं। वहीं खेतों में खड़ी फसलें अंकुरित होने लगी है। पिछले साल भी सितंबर में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थी। कुछ इसी तरह की स्थिति इस बार भी है। जिसमें किसानों के मुंह के सामने आया निवाला प्रकृति ने छीन लिया है। फसलों की यह हालत देख किसान भी मायूस है। अगर आगे भी बारिश ऐसे ही होती रही, तो पूरी फसल चौपट हो जाएगी। जिसमें किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस बार सोयाबीन का उत्पादन भी कम हो रहा है 3 क्विंटल से लगाकर चार क्विंटल तक पक रही है।