नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने सीएजी की 14 रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने में देरी करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर आज दोपहर ढाई बजे सुनवाई होगी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने में देरी कर रहे हैं। आपको सीएजी रिपोर्ट तुरंत विधानसभा के स्पीकर को भेजना चाहिए था ताकि इस पर विधानसभा में चर्चा हो सके। जब याचिकाकर्ता भाजपा विधायकों की ओर से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्देश देने की मांग की गई तो कोर्ट ने कहा कि इस पर हम ढाई बजे सुनवाई करेंगे, लेकिन जब चुनाव की घोषणा हो चुकी है ऐसे में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए कैसे कहा जा सकता है।
हाई कोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 को दिल्ली सरकार और दिल्ली के उप-राज्यपाल को नोटिस जारी किया था। याचिका में दिल्ली सरकार को सीएजी की 14 रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने का आदेश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट में आश्वासन देने के बावजूद एक सप्ताह बाद भी दिल्ली सरकार ने विधानसभा के पटल पर सीएजी की रिपोर्ट सदन में नहीं रखी है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट में 16 दिसंबर को दिल्ली सरकार ने दो से तीन दिन में सीएजी की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को भेजने का आश्वासन दिया था। इस आश्वासन के एक हफ्ते बाद तक भी आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने न तो ये रिपोर्ट्स स्पीकर को भेजी हैं और ना ही इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह दिल्ली सरकार को निर्देश जारी कर सीएजी की 14 रिपोर्ट्स को तुरंत ही स्पीकर को भेजने और इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आदेश दे।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि उसने शराब कर, प्रदूषण और वित्त से संबंधित सीएजी रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखने के लिए उप-राज्यपाल को भेज दिया है। सुनवाई के दौरान उप-राज्यपाल की ओर से पेश वकील ने कहा था कि 11 दिसंबर की रात में 10 फाइल उप-राज्यपाल के दफ्तर विधानसभा के पटल पर रखने के लिए भेजी गई है।
याचिका में कहा गया था कि सीएजी की ये रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री आतिशी के पास लंबित हैं और उप राज्यपाल के बार-बार अनुरोध के बावजूद इन्हें विधानसभा के समक्ष पेश करने के लिए नहीं भेजा गया है। याचिका में कहा गया था कि इस मामले पर याचिका दायर करने से पहले भाजपा विधायक इस मामले पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसे लेकर भाजपा विधायकों ने आतिशी मार्लेना के निवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था।