पटना। बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्न उत्तर काल कार्य स्थगन प्रस्ताव में वफ्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर चर्चा की मांग की गई लेकिन विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने इस विषय पर चर्चा से इंकार कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह मामला भारत सरकार से जुड़ा हुआ है। इसलिए इसपर चर्चा से कोई मतलब यहां नहीं रह जाता।
इसके बाद विपक्ष के विधायक सदन के अंदर हंगामा करने लगे। इस दौरान उन्होंने वर्तमान सरकार को तानाशाही सरकार बताया।
सदन की कार्यवाही से पहले आज विधानसभा परिसर में बैनर-पोस्टर लेकर महागठबंधन के विधायकों ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। राजद विधायक व मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम साहिन ने कहा कि यह विधेयक केंद्र सरकार वापस ले। नीतीश कुमार इस पर चुप्पी तोड़ें। विधानसभा से खिलाफ में प्रस्ताव पारित करें। वक्फ की संपत्ति केंद्र सरकार हड़पना चाहती है। इसके बाद सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गई।
भोजनावकाश के बाद सदन में घोसी के माले विधायक राम बली सिंह यादव ने विधानसभा में सरकार से सवाल पूछा के खेतों में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने का वादा सरकार कबतक पूरा करेगी? राम बली सिंह यादव ने माधवपुर में खेतों के अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंचने का मुद्दा सदन में उठाया। सरकार की तरफ से जवाब देते हुए जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पानी अभी भी जा रहा है। अस्थाई ह्यूम पाइप आउटलेट बनाया गया है, जिससे पानी पहुंचाया जा रहा है। सरकार इसको लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है कि जो नहरें हैं उसमें लाइनिंग का काम करा दिया जाए। नहरों को पक्का करा दिया जाए लेकिन उसमें अवरोध हो रहा है।
उन्होंने माले विधायक से कहा कि वह आपका इलाका है, वहां सहयोग करिए कि खेतों के अंतिम छोर तक पूरा पानी पहुंचाया जा सके। मंत्री के जवाब देने के बाद माले विदायक ने कहा कि मंत्री को जिन अधिकारियों ने सूचना दी है कि पानी पहुंच रहा है, यह पूरी तरह से गलत है। वहां पानी जाने की शुरुआत ही नहीं हो सकी है, मंत्री इसकी जांच कराएंगे? तब मंत्री ने जबाव देते हुए कहा कि जब से विधायक काम शुरू करा देंगे और जहां तक जांच की बात है तो सरकार इसकी जांच कराएगी और जांच कमेटी में माले विधायक भी रहेंगे।