नई दिल्ली। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष देवेंद्र यादव और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन की अगुवाई में दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने बुधवार को 'मौका मौका हर बार धोखा' नामक एक पुस्तिका के रूप में श्वेत पत्र जारी किया। इसमें पिछले एक दशक में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आआपा) सरकार की विफलताओं और अधूरे वादों की आलोचना की गई है। इसके साथ ही कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार के डेढ़ दशक के कार्यकाल के दौरान हुई प्रगति को रेखांकित किया। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्वेत पत्र जारी करने के मौके पर दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने भाजपा और आआपा पर संयुक्त रूप से हमला बोला। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 11 साल से आआपा और केंद्र में 10 साल से भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद इतने सालों में दिल्ली की जनता को वादों के सिवाय सिर्फ धोखा ही मिला है। शीला दीक्षित की डेढ़ दशक सरकार रही, जिसने स्वास्थ्य सेवाओं, प्रदूषण, राशन कार्ड, सिलेंडर, महिला सुरक्षा, मेट्रो, सीएनजी बसों का बेड़ा और फ्लाई ओवर आदि के माध्यम से दिल्ली को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में आगे बढ़ाया। इसके विपरीत केजरीवाल ने लोगों को फ्री बिजली, पानी और दिल्ली को पेरिस, लंदन तथा यमुना को टेम्स बनाने, प्रदूषण कम करने का झांसा दिया, लेकिन किया कुछ नहीं।
अजय माकन ने आआपा के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को "फर्जीवाड़ा" कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मरीजों के लिए दिल्ली के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहे थे। केंद्र सरकार कोरोना के लिए मिले पैसे सेंट्रल विस्टा बनवाने में लगा रही थी। दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच पैसों के झगड़े में 1780 करोड़ रुपये लैप्स हो गए और बुजुर्गों को छह माह तक पेंशन नहीं मिली। इन दिनों दिल्ली में गरीबों के राशन कार्ड नहीं बन रहे हैं। जी20 समिट के समय दिल्ली और केंद्र सरकारों ने 2 लाख 80 हजार झुग्गियां तोड़ीं और कम से कम 80 प्रतिशत लोगों को कोई वैकल्पिक मकान या प्लाट नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में 14 जिला अस्पतालों में 10 हजार 250 करोड़ रुपये की जरूरत है, जबकि इसके लिए इस साल बजट में 372 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गया है। इसके बाद 8 हजार करोड़ रुपये इन्हें चलाने के लिए चाहिए होगा, जिसके लिए फंड नहीं है। आआपा सरकार के विज्ञापन पर 500 करोड़ रुपये सालाना खर्च हो रहे हैं। अगर इतने पैसे से गरीबों के घरों में गैस आपूर्ति की जाती तो 2 लाख 31 हजार 400 घरों में चूल्हे जलाए जा सकते थे। दिल्ली के स्कूलों में 56 हजार ईडब्ल्यूएस की सीटें खाली हैं, जिसका हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। दिल्ली में 500 किमी सड़कें टूटी हुई हैं। कचरे के पहाड़ बने हुए हैं। दिल्ली में गंदगी और सीवर के मुद्दे पर सरकार और एलजी के बीच सिर्फ दोषारोपण की कोशिश हो रही है।
माकन ने कहा कि दिल्ली में बिजली की औसत दर देश में सबसे ज्यादा है। 44 प्रतिशत घरों में गंदा पानी आ रहा है। बारिश के दौरान सिर्फ जुलाई और अगस्त में खराब सड़कों और करंट लगने से 30 लोगों की मौत हो गई। जिस जन लोकपाल पर केजरीवाल की राजनीति आगे बढ़ी, दिल्ली में उसका गठन अभी तक नहीं हुआ। अगर दिल्ली में उपराज्यपाल अड़ंगा लगाते हैं तो पंजाब में उन्हीं की सरकार है, वहां बना दें। केजरीवाल ने शीशमहल पर पैसे को कैसे पानी की तरह बहाया, यह अब दिल्ली के लोग देख चुके हैं। एक सवाल के जवाब में माकन ने कहा कि आज दिल्ली की दुर्दशा और कांग्रेस के कमजोर होने का कारण 2014 में आआपा को समर्थन देना था। एक अन्य सवाल के जवाब में माकन ने कहा कि दलित अत्याचारों में दिल्ली में आआपा राज में चार गुना वृद्धि हो गई है। 804 दलित बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिली, ऐसा क्यों हुआ? केजरीवाल हमेशा लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए उल्टी-सीधी बयानबाजी करते हैं।