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झारखंड के कई मंत्री और आईएएस अधिकारी ईडी के रडार पर, जल्द जारी हो सकता है समन


झारखंड के कई मंत्री और आईएएस अधिकारी ईडी के रडार पर, जल्द जारी हो सकता है समन
रांची: झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के गिरफ्तारी के बाद ईडी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब ईडी के रडार पर झारखंड सरकार के कई मंत्री और आईएएस अधिकारी हैं। ईडी अब एक एक को समन भेजने की तैयारी में हैं। इधर ईडी की इस करवाई से ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मच गया है। आपको बता दें कि पहले भी ईडी ने कारवाई करते हुए आईएएस पूजा सिंघल,पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व डीसी छवि रंजन ,चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम समेत कई अधिकारी और नेताओं को  को जेल भेजने का काम किया है। अब जब ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को जब ईडी ने गिरफ्तार किया तो कयास लगाया जा रहा था कि शायद मामला यही रफा दफा हो जाएगा। मगर अब जो सबूत ईडी के हाथ लगे हैं। इससे राजनीति दलों और ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा दिया है।
दरअसल इस बात को ऐसे समझे, झारखंड सरकार हो अथवा कोई भी सरकार ग्रामीण विकास विभाग सबसे अहम माना जाता है। क्योंकि गांव से शहर तक की जितने भी काम होते हैं इसी विभाग के माध्यम से होते हैं।  जितने भी टेंडर और ठेकेदारी का काम होता है इसी विभाग के माध्यम से होता है। इसलिए इस विभाग को सोने का खजाना बोला जाता है।ठेकेदारों के मिलीभगत से करोड़ों का कमीशन नीचे से ऊपर तक पहुंचता है।मंत्री आलमगीर आलम के पी ए संजीव लाल और नौकर जहांगीर ने टेंडर में पैसे का किस तरह से खेल होता था, उसे लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं।ईडी ने जांच में पाया है कि ग्रामीण विकास विभाग व ग्रामीण कार्य विभाग में भारी पैमाने पर टेंडर मैनेज करने के एवज में कमीशनखोरी का धंधा होता था। ग्रामीण विकास विभाग के निचले स्तर से लेकर विभागीय सचिवों की भूमिका इस मामले में संदेह के घेरे में हैं।

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