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‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने की साल 2025 की उपलब्धियों और 2026 की संभावनाओं पर चर्चा


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 129वें एपिसोड में रविवार को प्रधानमंत्री ने साल 2025 में आईसीसी चैंपियंस ट्राफी में पुरुष क्रिकेट टीम की जीत, पहली बार महिला क्रिकेट विश्व कप खिताब, महिला ब्लाइंड टी20 विश्व कप, एशिया कप टी20 में सफलता, पैरा एथलीटों के पदक, शुभांशु शुक्ला का आईएसएस तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बनना, प्रयागराज महाकुंभ और अयोध्या राम मंदिर पर ध्वजारोहण जैसे तमाम पलों को याद किया। साथ ही उन्होंने स्मार्ट इंडिया हैकाथन 2025, आईआईएससी के गीतांजलि सांस्कृतिक केंद्र और दुबई की कन्नड़ पाठशाले जैसी प्रेरक पहलों की चर्चा करते हुए साल 2026 की चुनौतियों, संभावनाओं और विकास लक्ष्यों पर भी बात रखी। यह साल 2025 में मन की बात कार्यक्रम का अंतिम एपिसोड था, जिसमें प्रधानमंत्री ने 2025 की प्रमुख उपलब्धियों, नये वर्ष 2026 की चुनौतियों, संभावनाओं और विकास पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ ही दिनों में वर्ष 2026 दस्तक देने वाला है और उनके मन में पूरे एक साल की यादें घूम रही हैं। साल 2025 ने भारत को ऐसे अनेक पल दिये, जिन्होंने देश को एक साथ जोड़ा और हर भारतीय को गर्व की अनुभूति कराई। देश की सुरक्षा से लेकर खेल, विज्ञान, अंतरिक्ष और वैश्विक मंचों तक भारत ने अपनी सशक्त छाप छोड़ी। यह वक्त उन उपलब्धियों को याद करने और नये संकल्प लेने का है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं में कुछ नया करने का जुनून है और वे उतने ही जागरूक भी हैं। युवाओं की लगन विकसित भारत के निर्माण की सबसे बड़ी शक्ति है और 2025 में कई ऐसे पल आये, जिन पर युवाओं को गर्व हुआ।

उन्होंने कहा कि साल 2025 खेल के लिहाज से ऐतिहासिक और यादगार वर्ष रहा। पुरुष क्रिकेट टीम ने 2025 में आईसीसी चैंपियंस ट्राफी जीती। वहीं, महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार विश्वकप अपने नाम किया। भारत की बेटियों ने महिला ब्लाइंड टी20 विश्व कप जीतकर नया इतिहास रचा। एशिया कप टी20 में तिरंगा शान से लहराया। पैरा एथलीटों ने विश्व चैंपियनशिप में अनेक पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया। यह उपलब्धियां 2025 को खेल इतिहास में विशेष स्थान दिलाती हैं।

उन्होंने कहा कि विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत ने बड़ी छलांग लगाई। शुभांशु शुक्ला 2025 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बने। यह उपलब्धि भारत की अंतरिक्ष क्षमता, तकनीकी कौशल और वैज्ञानिक प्रगति का वैश्विक प्रमाण बनी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2025 में आस्था, संस्कृति और विरासत की सामूहिक शक्ति भी देखने को मिली। वर्ष की शुरुआत में प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन ने पूरी दुनिया को चकित किया, जबकि वर्ष के अंत में अयोध्या में राम मंदिर पर ध्वजारोहण के कार्यक्रम ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया। यह वर्ष भारत की सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक चेतना का भी वर्ष रहा।

प्रधानमंत्री ने स्मार्ट इंडिया हैकाथन 2025 का जिक्र करते हुए कहा कि इस महीने इसका समापन हुआ, जिसमें 80 से अधिक सरकारी विभागों की 270 से अधिक समस्याओं पर छात्रों ने काम किया। छात्रों ने वास्तविक जीवन की चुनौतियों से जुड़े नवाचारी समाधान प्रस्तुत किये, जो शासन और समाज के लिये उपयोगी सिद्ध होंगे।

प्रधानमंत्री ने भारतीय शिक्षा परिसरों में विकसित हो रहे सांस्कृतिक नवजागरण का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु का गीतांजलि केंद्र अब सिर्फ एक कक्षा नहीं, बल्कि पूरे परिसर का सांस्कृतिक केंद्र बन चुका है। यहां हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, लोक परंपराएं और शास्त्रीय विधाओं का संगम देखने को मिलता है, जहां छात्र, प्रोफेसर और उनके परिवार एक साथ बैठकर रियाज और संवाद से सांस्कृतिक चेतना को आगे बढ़ा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय समुदाय द्वारा मातृभाषा संरक्षण के प्रयासों की सराहना करते हुए दुबई में रहने वाले कन्नड़ परिवारों की पहल कन्नड़ पाठशाला का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन परिवारों ने खुद से पूछा कि बच्चे तकनीकी दुनिया में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कहीं अपनी भाषा से दूर तो नहीं हो रहे। इसी सवाल से कन्नड़ पाठशाले का जन्म हुआ, जहां बच्चों को कन्नड़ पढ़ना, लिखना और बोलना सिखाया जा रहा है। यह प्रयास प्रवासी समाज में भाषा और संस्कृति संरक्षण का प्रेरक मॉडल है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2025 की उपलब्धियां भारत की सामूहिक शक्ति का प्रमाण हैं और 2026 नये लक्ष्यों, संकल्पों और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का वर्ष होगा।

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