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दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: अब कांवड़ समितियों को मिलेगा सीधा फंड, शिविरों में 1200 यूनिट तक फ्री बिजली


- कांवड़ समितियों को 50 हजार से 10 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी

नई दिल्ली। सावन के महीने में शुरू होने वाली पवित्र कांवड़ यात्रा को लेकर दिल्ली सरकार ने इस बार ऐतिहासिक और भक्तिमय कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दो बड़े फैसले लिए गए पहली, पंजीकृत कांवड़ समितियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से आर्थिक सहायता दी जाएगी और दूसरी, कांवड़ शिविरों में मुफ्त बिजली की सुविधा प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि यह निर्णय शिवभक्तों की श्रद्धा, सेवा और सुशासन को समर्पित है। उन्होंने कहा कि अब कोई टेंडर नहीं, कोई ठेका नहीं, केवल पंजीकृत समितियों को सीधे सहायता दी जाएगी। समितियां जिलाधिकारी (डीएम) कार्यालय में आवेदन कर सकती हैं और उनकी समस्याओं का समाधान 72 घंटे के भीतर 'एकल खिड़की प्रणाली' से किया जाएगा।

सरकार ने सहायता को चार श्रेणियों में विभाजित किया है। न्यूनतम 50,000 रुपये से लेकर अधिकतम 10 लाख रुपये तक की राशि समितियों को दी जाएगी। 50 प्रतिशत राशि कार्यक्रम से पहले और शेष कार्यक्रम के बाद मिलेगी। समितियों को तीन महीने के भीतर खर्च का विवरण जमा करना होगा, जिसके बाद बाकी की राशि जारी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछली बार केवल 170 समितियों को अनुमति दी गई थी, जबकि इस बार सभी पंजीकृत समितियों को अवसर मिलेगा। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले कांवड़ यात्रा भ्रष्टाचार और अव्यवस्था की शिकार थी, अब यह आस्था और सेवा का प्रतीक बनेगी।

सरकार ने शिविरों में 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, स्वच्छ पेयजल, साफ-सफाई, ट्रैफिक मैनेजमेंट और जाम से निपटने के लिए विशेष तैयारी की है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को भी सक्रिय भूमिका में रखा गया है।

इस धार्मिक उत्सव की निगरानी और समन्वय के लिए ‘धार्मिक उत्सव समिति’ का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता श्रम मंत्री कपिल मिश्रा करेंगे।

इस मौके पर लोक निर्माण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, शिक्षा मंत्री आशीष सूद, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, और विधायक रविंद्र इंद्राज सिंह भी उपस्थित रहे।

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