पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में अगले पांच सालों में 1 करोड़ नौकरी देने के लक्ष्य सहित कुल 30 प्रस्तावों पर मुहर लगी।
पटना स्थित पुराने सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में 30 अहम प्रस्तावों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुहर लगाई है। इसके तहत अगले पांच सालों में 1 करोड़ नौकरी देने के लक्ष्य को कैबिनेट से मंजूरी दी गई है। बिहार में चल रहे विशेष मतदाता पुनरीक्षण में लगे बीएलओ और सुपरवाइजर को सरकार 6000 रुपये एकमुश्त अतिरिक्त मानदेय देगी इस प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी।
बिहार सरकार वर्ष 2025 से 2030 के दौरान पांच वर्षों में एक करोड़ नौकरी और रोजगार देगी। नई नौकरी और रोजगार सृजन के लिए सरकार को परामर्श देने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित किया जाएगा। इसके लिए कुल 12 सदस्य इसमें बनाए गए हैं। इसके अलावा विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य हेतु 77895 बीएलओ और 8245 बी एलओ सुपरवाइजर को वार्षिक मानदेय के अतिरिक्त एकमुश्त मान देय 6000 रुपये देने के लिए 51 करोड़ 68 लाख 40000 रुपये की स्वीकृति दी गई है।
बिहार कैबिनेट की बैठक में चार डॉक्टरों को बर्खास्त करने को लेकर भी निर्णय लिया गया है। इसके तहत लखीसराय में पोस्टेड डॉक्टर कृतिका सिंह, डॉ कृति किरण, बेगूसराय में पोस्टेड डॉक्टर चंदना कुमारी और जमुई में तैनात डॉक्टर निमीषा रानी को सरकारी सेवा से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया है। इन सभी को लगातार अनुपस्थित रहने की वजह से सरकारी सेवा से बर्खास्त किया गया है।
पटना की ही तरह भागलपुर और मुंगेर में गंगा पर परियोजना मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दी है। इसके तहत भागलपुर में सुल्तानगंज-भागलपुर-सबोर के बीच 40.80 किलोमीटर लंबा पथ बनेगा। इसके लिए 4,850 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। मुंगेर जिले में भी गंगा पथ परियोजना को मंजूरी दी गई है। मुंगेर -बरियारपुर-घोरघट -सुल्तानगंज के बीच 42 किलोमीटर लंबा पथ बनेगा और इसके लिए 5,120 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी गई ।
बिहार कैबिनेट में पांच वर्ष में एक करोड़ नौकरी देने सहित 30 प्रस्तावों पर मुहर
