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उत्तराखंड के माणा में भारी हिमस्खलन में 57 मजदूर दबे, 15 को बचाया गया, रेस्क्यू जारी


गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमावर्ती माणा गांव के समीप सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कराये जा रहे निर्माण कार्य के दौरान भारी हिमस्खलन के कारण इसमें 57 श्रमिक दब गए। इसमें से बीआरओ और अन्य एजेंसियों ने राहत और बचाव कर अब तक 15 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि बाकी श्रमिकों की तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर कहा कि माणा क्षेत्र में हिमस्खलन की घटना का दुखद समाचार मिला है। बीआरओ सहित अन्य एजेंसियां युद्धस्तर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। उन्होंने भगवान बद्रीविशाल से सभी श्रमिक भाइयों की सुरक्षा की कामना की है।
श्री बद्रीनाथ धाम के पास माणा में हुई हिमस्खलन की घटना के बारे में पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ, श्रीमती रिधिम अग्रवाल ने बताया कि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइज़ेशन (बीआरओ) के कुल 57 श्रमिक प्रभावित हुए। कमांडेंट बीआरओ के अनुसार, अब तक 15 श्रमिक सुरक्षित हैं, जबकि 42 लापता हैं। एसडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है। लामबगड़ में सड़क अवरुद्ध होने के कारण सेना से संपर्क कर मार्ग खोलने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरी टीम को सहस्रधारा हेलीपैड पर अलर्ट पर रखा गया है। क्षेत्र के सटीक निर्देशांक प्राप्त किये गए हैं। मौसम की स्थिति में सुधार होते ही एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर से निकटतम उपलब्ध स्थान पर उतारा जाएगा।
एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, बीआरओ एवं सेना के साथ समन्वय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ ड्रोन की टीम को भी तैयारी हालत में रखा गया है। भारी बर्फबारी के कारण फिलहाल ड्रोन ऑपरेशन संभव नहीं हो पाया है।
अब तक 5 और व्यक्तियों को निकाला गया है, जिनमें से 3 घायल हैं और उन्हें सेना अस्पताल, माणा में भर्ती कराया गया है, जबकि 2 सामान्य स्थिति में हैं।

कुल श्रमिक 57

में से अब तक 15 सुरक्षित निकाले गए हैं। 42

प्रभावितों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने बताया कि माणा गांव और उसके पास हिमस्खलन की सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि प्रभावित मजदूर सेना की आवाजाही के लिए सड़क से बर्फ हटाने का कार्य कर रहे थे। अब तक किसी तरह की जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है। सेना के साथ आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर भेजी गई हैं। जिलाधिकारी ने आईआरएस से जुड़े अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।

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