हरिद्वार। जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा रावत ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय भारत सरकार, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में युवा आपदा मित्र योजना के अंतर्गत एनसीसी कैडेट्स के लिए सात दिवसीय आपदा खोज-बचाव, प्राथमिक उपचार एवं अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज आईआईटी रुड़की में शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन 10 बटालियन एनसीसी रुड़की के कर्नल एस. चक्रवर्ती ने किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए आपदा प्रबंधन के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने और आपदा की घड़ी में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
मास्टर ट्रेनर मनोज कंडियाल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्य, मॉड्यूल तथा भविष्य में प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की महत्ता के बारे में विस्तृत जानकारी दी।उद्घाटन सत्र में उपस्थित जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत ने राज्य में विभिन्न प्राकृतिक व मानव जनित आपदाओं की सवेदनशीता, उनके दुष्प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए विगत वर्षों में घटित विभिन्न आपदाओं के अनुभव को साझा किया त्तथा समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्वयंसेवी की भूमिका से अवगत कराया।
उन्होंने सभी कैडेट्स को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रमुख प्रावधानों, आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली तथा स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबंधन की संरचना के विषय में स्लाइड शो के माध्यम से व्यावहारिक तथ्यों की विस्तृत जानकारी दी गई।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 03 दिसम्बर तक संचालित किया जाएगा, जिसमें एनसीसी कैडेट्स को आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक ज्ञान, जैसे खोज एवं बचाव तकनीक, प्राथमिक उपचार, अग्नि सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, और आपदा के पूर्व तैयारीकृका प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को आपदा के समय प्रभावी प्रतिक्रिया देने योग्य बनाना तथा समुदाय स्तर पर प्रशिक्षित मानव संसाधन विकसित करना है। प्रशिक्षण में 38 तथा 10 ना बटालियन से 25 बालिका व 25 बालक, कुल 50 कैडेट्स पिथौरागढ़, चम्पावत लोहाघाट, अल्मोड़ा जनपद से प्रतिभाग कर रहे हैं।
युवा आपदा मित्र योजना के अंतर्गत सात दिवसीय आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण शुरू












