शाम होते ही एक बार फिर आग ने जताई अपनी मौजूदगी, समय रहते पाया गया काबू
कानपुर। चमनगंज थाना क्षेत्र के गांधीनगर इलाके में रविवार रात आगजनी में मारे गए एक ही परिवार के पांच सदस्यों के शव सोमवार शाम एंबुलेंस के जरिए घर पर ले जाए गये। शवाें के आते ही मौके पर मौजूद परिजनों और रिश्तेदारों में कोहराम मच गया। इसी बीच एक और चौका देने वाली घटना भी सामने आई और शाम को एक बार फिर बिल्डिंग में आग धधकने लगी। हालांकि मौके पर मौजूद फायर ब्रिगेड ने तुरंत आग पर काबू पा लिया। एक साथ घर से उठे पांच जनाजों को देख सभी की आंखे नम हो गईं। शवों को ईदगाह कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग की चपेट में आकर दानिश का हंसता खेलता परिवार पल भर में उजड़ गया। इस घटना में पति-पत्नी और तीन बच्चे जिंदा जल गये थे। सुबह करीब पांच बजे पांचाें शवों को बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज कर दमकल और पुलिस विभाग ने सुरक्षा के लहजे से इमारत को अपने कब्जे में ले लिया।
दूसरी तरफ हादसे का शिकार हुए परिवार के अन्य सदस्य पोस्टमार्टम करवाने भी नहीं गए क्योंकि इस घटना के बाद से ही बाकी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। रिश्तेदारों और दोस्तों ने अस्पताल की कार्रवाई को पूरी कराई। जैसे ही शाम को एंबुलेंस की आवाज सुनाई दी। तो लोग एक झलक पाने के लिए शवों की तरफ भागे।
नेपाल से कानपुर पहुंचे दानिश की पत्नी के मायके पक्ष के लोग बेटी और दामाद की लाशें देख चीख चीखकर रोने लगे। दानिश के पिता को बेटे की मौत का गम कुछ इस कदर लगा कि वह बार-बार अल्लाह से अपने बेटे बहू और पौत्रियों को वापस बुलाने की दुआ करते रहे।
जैसे ही परिवार के पांचों सदस्यों के जनाजे एक साथ ईदगाह स्थित कब्रिस्तान जाने के लिए उठे तो चारों तरफ चीख पुकार मच गई। मौके में मौजूद सभी लोगों ने नम आंखों से पांचों को अंतिम बार अलविदा कहा, उधर कब्रिस्तान में पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शवाें को दफन किया गया।
कानपुर में जब घर से उठे एक साथ पांच जनाजे ताे लाेगाें की भर आईं आंखे
