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विभाजनकारी ताकतों से सतर्क रहे जनजाति समाज : उप राष्ट्रपति


उदयपुर। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जनजाति समुदाय को भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक ताकत बताते हुए कहा कि इनकी जीवनशैली, परंपराएं और मूल्य देश को स्थिरता और समृद्धि प्रदान करते हैं। उन्होंने जनजाति समाज को विभाजनकारी ताकतों से सतर्क रहने और सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने का आह्वान किया।
उप राष्ट्रपति धनखड़ शनिवार को उदयपुर जिले के जनजाति बहुल कोटड़ा में वनवासी कल्याण परिषद की ओर से भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित जनजाति गौरव महोत्सव को सम्बोधित कर रहे थे।
धनखड़ ने अपने संबाेधन में जनजातीय समुदाय की प्रकृति के प्रति आस्था और जल व जंगल के प्रति सम्मान को वैश्विक आदर्श बताया। उन्होंने कहा, "दुनिया जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है। यदि उन्होंने जनजातीय समाज से धरती और जल की पूजा करना सीखा होता, तो यह संकट नहीं आता।" उन्हाेंने देश में जनजातीय समाज की आस्था को बदलने के कुप्रयासों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "हमारी सांस्कृतिक धरोहर हमारी नींव है। इसे कमजोर करने की कोशिशें देश की एकता और विकास को नुकसान पहुंचा सकती हैं।"
उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत तेजी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद अब जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा, "यह प्रगति जनजाति समाज के योगदान के बिना संभव नहीं है।" महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण से समाज में सकारात्मक बदलाव आएंगे। उन्होंने जनजातीय महिलाओं द्वारा निर्मित कढ़ाई और हस्तशिल्प प्रदर्शनी 'कमली' की भी सराहना की।
कार्यक्रम के बाद उपराष्ट्रपति धनखड़ ने समोर बाग में उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य मेवाड़ के पूर्व महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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