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दुष्कर्म आरोपित के पुत्र को ट्रांसफर पर हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत


नैनीताल नैनीताल में गत माह 12 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित मोहम्मद उस्मान खान के पुत्र रिजवान खान को उत्तराखंड उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली है। लोक निर्माण विभाग में अपर सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत रिजवान का हाल ही में खटीमा से टिहरी के घनसाली स्थानांतरण कर दिया गया था, जिसे उन्होंने कोर्ट में चुनौती दी थी।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने तर्क दिया कि 5 मई को रिजवान का स्थानांतरण बिना कोई नोटिस दिए और प्रशासनिक आधार का उल्लेख किए बगैर कर दिया गया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि तबादले से संबंधित जानकारी कुछ हिंदूवादी नेताओं द्वारा पहले ही सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर दी गई थी।

सरकार की ओर से महाधिवक्ता एस.एन. बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कोर्ट को बताया कि तबादला नियमों के अनुसार किया गया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फिलहाल कोई राहत नहीं दी है और मामले की अगली सुनवाई सोमवार को निर्धारित की है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में अधिवक्ताओं और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने एसएसपी नैनीताल को मामले की जांच कर आगामी सोमवार को कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि यह आपत्तिजनक है कि न्यायाधीश व अधिवक्ता को ट्रोल किए जाने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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