टीआरआईपीएस भविष्य के लिए नई सोच और योजनाओं काे देगा जन्म : प्रो. ब्रज भूषण

कानपुर। टेक्नोलॉजी, रिसर्च, इनोवेशन और पॉलिसी समिट (टीआरआईपीएस) जैसे मंच देश की विज्ञान और तकनीक नीति निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह विचारों का संगम है जो भविष्य के लिए नई सोच और योजनाओं को जन्म देगा। यह बातें शुक्रवार को प्रो. ब्रज भूषण ने कही।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) में चार दिवसीय टेक्नोलॉजी, रिसर्च, इनोवेशन और पॉलिसी समिट (टीआरआईपीएस) 2025 का शुभारंभ हो गया है। इस वर्ष का विषय है शोध, नवाचार और नीति के बीच सेतु । एक टिकाऊ भविष्य के लिए इस अनोखे आयोजन में देश भर से वैज्ञानिकों, नीति विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और उद्योग क्षेत्र के प्रमुखों ने भाग लिया। जिनका उद्देश्य भारत के उज्जवल और टिकाऊ भविष्य की दिशा में सामूहिक प्रयास करना है।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल इस समिट के संरक्षक की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि आईएनएसए के अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के संस्थान चेयर प्रफेसर प्रो. अशुतोष शर्मा समिट के अध्यक्ष हैं।
प्रो. मनमोहन शर्मा जो कि इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी मुंबई के एमेरिटस प्रोफेसर हैं, ने वर्चुअली जुड़कर मौलिक शोध की महत्ता पर बात की। उन्होंने रासायनिक उद्योग में हुई बड़ी खोजों और कैटालिसिस पर विस्तार से बताया।
इसके बाद रॉयल पवेलियन और कैम्ब्रिज कोर्ट जैसे दो अलग-अलग सत्रों का आयोजन हुआ। सत्र 1.1 में प्रो. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम निदेशक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने खगोल विज्ञान और तकनीकी नवाचार के संबंध को समझाया। वहीं प्रो. अविनाश अग्रवाल, निदेशक आईआईटी जोधपुर ने मात्रभाषा इनिशिएटिव पर प्रस्तुति दी। सत्र 1.2 में डॉ. शिवकुमार शर्मा राष्ट्रीय आयोजन सचिव विज्ञान भारती और डॉ. अजीत कुमार शासनी निदेशक सीएसआईआर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ ने भी अपनी बातें साझा कीं।