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एक परिवार के छह सदस्यों को पाकिस्तान भेजने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक


कोर्ट ने कहा- याचिकाकर्ताओं के दावों को लेकर फैसला होने तक कोई निरोधात्मक कार्रवाई नहीं होगी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर एक परिवार के छह सदस्यों को पाकिस्तान भेजने पर रोक लगा दिया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को उस परिवार के सदस्यों की नागरिकता की पुष्टि करने का निर्देश दिया है जो भारतीय होने का दावा कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि जब तक याचिकाकर्ताओं के भारतीय नागरिक होने के दावों को लेकर फैसला नहीं कर लिया जाता है तब तक उनके खिलाफ कोई निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि अगर वे सरकार के सक्षम प्राधिकार की ओर से लिए गए फैसले से संतुष्ट नहीं होंगे तो वे अपनी मांगों को लेकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। दरअसल 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में पर्यटकों की हत्या किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक देश छोड़ने को कहा था। इस आदेश के बाद जो पाकिस्तानी नागरिक वापस नहीं गए, सरकार उन लोगों को डिपोर्ट कर रही है।

याचिका अहमद तारिक बट्ट और उनके परिवार के छह सदस्यों ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि वे भारतीय हैं। उनके पास पासपोर्ट और आधार कार्ड है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील नंद किशोर ने कहा कि याचिकाकर्ता के दो बेटे बेंगलुरु में काम कर रहे हैं बाकी माता-पिता और बहनें श्रीनगर में हैं।

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