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पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़े, कुल संख्या 165 पहुंची


चंडीगढ़। पंजाब में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, 15 अक्टूबर 2025 तक राज्य में एक ही दिन में 31 नए पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही राज्य में अब तक कुल 165 पराली जलाने के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। 

अमृतसर जिला इस बार पराली जलाने के मामलों में सबसे आगे रहा है, जहां 68 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद तरन तारन में 47, पटियाला में 11 और फिरोजपुर में 6 मामले सामने आए हैं, जबकि कुछ जिलों जैसे मोगा, मुक्तसर, रूपनगर और पठानकोट में अब तक एक भी घटना की सूचना नहीं मिली है। सीएक्यूएम रिपोर्ट के अनुसार, अब तक राज्यभर में 165 स्थानों का निरीक्षण किया गया है, जिनमें से 97 जगहों पर पराली जलाने की पुष्टि हुई है। इन मामलों में संबंधित किसानों पर कार्रवाई करते हुए अब तक 89 किसानों पर पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है। 

 कुल 4.40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 3.15 लाख रुपए की राशि वसूल भी की जा चुकी है। पंजाब सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी निगरानी शुरू की है। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 80 से ज्यादा एफआईआर विभिन्न जिलों में बीएनएस की धारा 223 के तहत दर्ज की गई हैं। इसके अलावा 55 किसानों के राजस्व रिकॉर्ड में 'रेड एंट्री' भी की गई है, जिसका अर्थ है कि उनके भूमि रिकॉर्ड पर यह उल्लंघन दर्ज कर लिया गया है। अमृतसर और तरन तारन जिलों में सबसे अधिक कार्रवाई की गई है।

 अमृतसर में अब तक 32 किसानों पर जुर्माना, 32 एफआईआर और 32 रेड एंट्री दर्ज की गई हैं। वहीं तरन तारन में 47 एफआईआर दर्ज हुई हैं और 13 रेड एंट्री की गई हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि अब तक किसी भी नोडल या सुपरवाइजरी अधिकारी के खिलाफ कोई अभियोजन कार्रवाई नहीं की गई है, हालांकि 67 चेतावनी नोटिस और शो कॉज नोटिस जारी किए गए हैं।

 सीएक्यूएम ने राज्य सरकारों और प्रशासनिक अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे खेतों में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करें और किसानों को वैकल्पिक प्रबंधन उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करें। पंजाब में अब तक कुल 31.72 लाख हेक्टेयर धान क्षेत्र में से लगभग 19.5 प्रतिशत क्षेत्र की कटाई पूरी हो चुकी है।

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