जयपुर,। राजस्थान हाईकोर्ट ने कट ऑफ से अधिक अंक लाने के बावजूद
भी स्कूल व्याख्याता पद पर नियुक्ति नहीं देने पर शिक्षा सचिव, शिक्षा
निदेशक और आरपीएससी सचिव से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने भूगोल
विषय के स्कूल व्याख्याता का एक पद रिक्त रखने को कहा है। जस्टिस गणेश राम
मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश एक मामले में प्रारंभिक सुनवाई करते हुए।
याचिका
में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने भूगोल विषय के
793 पदों सहित कुल 26 विषयों के लिए स्कूल व्याख्याता पद की 28 अप्रेल,
2022 को भर्ती निकाली। भर्ती विज्ञापन में शर्त रखी गई कि अभ्यर्थी के पास
यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पीजी होना जरूरी है। याचिका
में कहा गया कि उसने चूरू के ओपीजेएस विश्वविद्यालय से भूगोल विषय में पीजी
किया था। आरपीएससी की ओर से गत पांच अक्टूबर को जारी परीक्षा परिणाम में
याचिकाकर्ता की 48वीं रैंक आई थी। याचिकाकर्ता ने 316 से अधिक अंक प्राप्त
किए थे, जबकि कट ऑफ 281 रखी गई थी। याचिकाकर्ता ने काउंसलिंग में भाग लेकर
आयोग को सभी दस्तावेज जमा भी करा दिए थे। इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता को
नियुक्ति नहीं दी गई और उससे कम अंक रखने वाले दूसरे अभ्यर्थियों को
नियुक्ति दे दी गई। याचिकाकर्ता के पूछने पर उसे बताया गया कि ओपीजेएस विवि
से पीजी होने के कारण उसे नियुक्ति नहीं दी गई है। याचिका में कहा गया कि
यह विवि यूजीसी से मान्यता प्राप्त विवि है। ऐसे में उसे इस आधार पर
नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने
संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त
रखने को कहा है।