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हिसार : रेलवे वाशिंग यार्ड ने जिले में खोले विकास व रोजगार के नए रास्ते



हिसार,। हरियाणा के नागरिक उड्डयन व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा है कि हिसार में वाशिंग यार्ड बनने से न केवल लंबी दूरी की ट्रेन हिसार रुकने लगी हैं, अपितु सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिला हैं। बेशक इससे पहले भिवानी में भी वाशिंग यार्ड था लेकिन काफी पुराना था और सुविधाएं भी नाममात्र थी। श्रीगंगानगर और बीकानेर के बाद हिसार के वाशिंग यार्ड के प्रोजेक्ट में सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं हैं।

हिसार में रेलवे वाशिंग यार्ड की लागत करीब आठ करोड़ के लगभग रही थी। वाशिंग लाइन में लगभग 28 बोगियों की साफ-सफाई तथा आवश्यकता पड़ने पर दो अतिरिक्त कोच बढ़ाए जाने की व्यवस्था का प्रावधान हैं। इसकी लंबाई 585 मीटर है। इसमें वाशिंग लाइन, डिपो, कोच मेंटेनेंस काम्पलैक्स व कार्यालय तथा मैकेनिकल तथा डीजल इंजीनियरिंग की टीम रहती हैं। इसमें गाड़ियों की धुलाई व मुख्य रूप से मरम्मत से जुड़े कार्य किए जा रहे हैं। वाशिंग यार्ड के कारण बीकानेर, अम्बाला दिल्ली मंडल से जुड़ी लंबी दूरियों की गाड़ियां काम के लिए हिसार से होकर निकलने लगी हैं। इससे स्थानीय यात्रियों को बड़े स्टेशनों के लिए बेहतर रेलगाड़ियों की सुविधाएं मिल रही हैं।

अब शानदार आधुनिक सुविधाओं युक्त प्लेटफार्म तथा रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार का भी काम पुरा होने वाला हैं। उस समय विधायक व सीपीएस रहते हुए डॉ कमल गुप्ता द्वारा हिसार क्षेत्र से जुड़ी रेल सेवाओं को आधुनिक विस्तार देने के लिए बेहतर प्रयास किए गए। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन के यार्ड में वाशिंग लाइन और ट्रेनों के कोच की मरम्मत के लिए कोच कॉम्पलेक्स भी तैयार किया गया था।

नागरिक उड्डयन व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने शुक्रवार काे कहा कि पहले हिसार स्टेशन से दिल्ली जाने के लिए किसान एक्सप्रेस, सिरसा एक्सप्रेस एवं गोरखधाम एक्सप्रेस जैसी नाममात्र ही ट्रैन थी। वाशिंग लाइन और कोच कॉम्पलेक्स के बाद हिसार को अतिरिक्त ट्रेने मिली हैं। वर्तमान स्थिति के अनुसार देश के लगभग सभी कोनों में जाने के लिए हिसार से सीधी ट्रेन मिलती है। मॉडर्न वाशिंग यार्ड में रूटीन की मेंटेनेंस भी होती हैं। तीन चरणों के निर्माण कार्य में सबसे पहले गाड़ियों के अनुरक्षण के लिए सिकलाइन व वाशिंग लाइन बिछाए जाने का कार्य शुरू किया गया था, उसके बाद दिन-प्रतिदिन काम आने वाले उपकरणों व स्पेयर पा‌र्ट्स डिपो की स्थापना हुई, उसके बाद पर्यावरण अनुकूल उपकरणों से सुसज्जित ऑफिस कांपलेक्स का निर्माण हुआ। रोहतक-महम-हांसी नई रेल लाइन जो लगभग 68 किलोमीटर लंबी है और लगभग 890 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुई हैं। इस ट्रेन यात्रा के लिए दिल्ली हाईवे के आस-पास लगते गांव के लोग वर्षों से इंतजार कर रहे थे। प्रधानमंत्री द्वारा ट्रैक का शुभारंभ करने के साथ ही लोगों का वर्षों पुराना इंतजार खत्म हो गया।

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