चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य किसी भी आकस्मिक आपदा, आतंकी हमले या आपात स्थिति से निपटने की तैयारी को परखना था। इस दौरान पुलिस, सिविल डिफेंस, चिकित्सा विभाग, नगर परिषद व अन्य संबंधित विभागों के कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। मौके पर एनएसजी के प्रशिक्षित जवानों ने आपदा से निपटने की बारीकियों से सभी को अवगत कराया। पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि यह मॉक ड्रिल दो दिनों तक जिले के अलग-अलग स्थानों पर जारी रहेगी।
चित्तौड़ में पहली बार एनएसजी की मॉक ड्रिल, एसपी बोले- हमने परखी तैयारी
चित्तौड़गढ़। जिले में शुक्रवार को नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) की ओर से विभिन्न स्थानों पर जिला प्रशासन के सहयोग से मॉक ड्रिल आयोजित की गई। शहर में रेलवे स्टेशन, कलक्ट्रेट परिसर, सैनिक स्कूल समेत भीड़ भाड़ वाले और संवेदनशील क्षेत्रों में इस अभ्यास को अंजाम दिया गया। इस मॉक ड्रिल से विभिन्न स्थानों पर पुलिस की सक्रियता दिखी।
उन्होंने कहा कि ऐसे अभ्यास से प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को आपसी तालमेल और तत्काल प्रतिक्रिया देने में मदद मिलती है। मॉक ड्रिल के दौरान चिकित्सा विभाग की एम्बुलेंस और नगर परिषद की दमकल समय से देर से मौके पर पहुंची। इस पर अधिकारियों ने गंभीरता दिखाई और संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि किसी भी वास्तविक स्थिति में विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एनएसजी के इस अभ्यास से जहां प्रशासनिक अमले को व्यावहारिक प्रशिक्षण मिला, वहीं आमजन ने भी राहत और बचाव कार्यों की झलक देखी। जिले में यह ड्रिल सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में अहम मानी जा रही है।
इस अवसर पर एनएसजी के अधिकारियों के अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह, पुलिस उप अधीक्षक विनय चौधरी सहित पुलिस के कई अधिकारी मौजूद रहे। इधर, भीड़ भाड़ के क्षेत्रों में एनएसजी की इस हलचल से लोग असमंजस में पड़ गए। साथ ही जानकारों को फोन कर जानकारी लेते दिखाई दिए।












