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संविदा स्टाफ नर्सों ने डिमोशन और वेतन कटौती को लेकर किया विरोध प्रदर्शन


जौनपुर। अमर शहीद उमानाथ सिंह स्वशासी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत करीब 400 संविदा स्टाफ नर्सों ने सोमवार को कॉलेज परिसर के बाहर धरना प्रदर्शन किया। नर्सों का आरोप है कि उन्हें उनके मूल पद से हटाकर फोर्थ क्लास (स्वीपर) कर्मचारियों के पद पर नियुक्त कर दिया गया है, साथ ही उनका वेतन भी काफी हद तक कम कर दिया गया है।

नर्सों ने बताया कि न केवल मेडिकल कालेज में बीते तीन साल से स्टॉफ नर्स सहित तमाम पदों पर सेवा दे रहे थे अचानक मेडिकल कालेज प्रशासन ने मूल पद से हटा दिया और वेतन कटौती आदेश दे दिया। मेडिकल कालेज के इस तुगलकी फ़रमान से कई रोजगार युवा बेरोजगार होने के मुहाने पर खड़े हो गए। बल्कि मेडिकल कॉलेज के अंदर उनके लिए बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। महिला नर्सों ने मेडिकल कालेज प्रशासन पर आरोप लगाया कि कॉलेज परिसर के अंदर न तो रहने की व्यवस्था है, न ही बाथरूम है। जिसके कारण इन महिलाओं की ड्यूटी लगाई जाती है और सभी महिलाओं काे 500 मीटर दूर शौचालय के लिए भी जाना पड़ता है। मेडिकल कालेज में तमाम आवश्यक सुविधाएं मौजूद नही हैं। आखिरकार हम जाएं तो कहां?

नर्सों ने यह भी आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन की ओर से जल्द ही उन्हें नौकरी से हटाया जा सकता है और इसके बाद नई नियुक्तियों के नाम पर पैसों की वसूली की जाएगी। इस गंभीर मुद्दे को लेकर स्टाफ नर्सों ने उत्तर प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंपा। लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।

नर्सों की मांग है कि उन्हें उसी पद पर बहाल किया जाए जिस पर उनकी मूल नियुक्ति हुई थी। उनका कहना है कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे मेडिकल कॉलेज के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को मजबूर होगी। नर्सों ने राज्य सरकार से अपील की है कि वे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें और संविदा पर कार्यरत स्टाफ नर्सों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करें।

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