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लाखों पेड़ काटे जाने को लेकर दायर जनहित याचिका के चलते मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जारी किए केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस


जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने जबलपुर के नीमखेड़ा में रहने वाले नीरज गर्ग की जनहित याचिका पर केन्द्र व राज्य सरकार सहित छह अन्य को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। इस याचिका में वर्ष 2012 से प्रदेश में सड़कों को बनाने के लिए पांच लाख पेड़ों को काटे जाने को चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान आवेदक की ओर से अधिवक्ता कृष्ण कुमार पाण्डेय ने पक्ष रखा। अनावेदक केन्द्र सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल सुयश मोहन गुरु ने नोटिस प्राप्त किया।

चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने मामले पर 17 दिसंबर को अगली सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं। दायर याचिका में कहा गया है कि सिर्फ रीवा लखनादौन हाईवे और जबलपुर भोपाल हाईवे बनाने के लिए 80 से दो सौ साल पुराने करीब पांच लाख पेड़ों को काटा गया है। आवेदक के अनुसार आम, जामुन, पीपल, बरगद, नीम जैसे पेड़ों को काटकर सरकार ने ऑक्सीजन के सोर्स छीने हैं।

इसके साथ ही याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन पेड़ों को काटने के बाद नई सड़कों में डिवाइडर में नए पौधे लगाकर खानापूर्ति तो कर दी, लेकिन अब उनकी देखभाल भी नहीं की जा रही, जो अवैधानिक है। उक्‍त नोटिस निर्णय बुधवार को सामने आया है।

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