मध्य प्रदेश: छात्रों के हंगामे के बाद मंत्री कृष्णा गौर वीआईटी यूनिवर्सिटी का लेंगी जायजा
भोपाल। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित वीआईटी यूनिवर्सिटी में हुए छात्रों के हंगामे के बाद सरकार का रुख सख्त है। इस बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर को विश्वविद्यालय के हालात का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, मंगलवार की रात को कई छात्रों को पीलिया से ग्रसित होने की जानकारी सामने आने के बाद स्टूडेंट्स ने जमकर हंगामा किया, तोड़फोड़ की और आगजनी भी की थी।
इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग ने एक समिति का गठन किया है। यह समिति तीन दिन में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी।
राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विश्वविद्यालय की घटना को गंभीर माना है। उन्होंने गुरुवार को वीआईटी यूनिवर्सिटी प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए सीहोर जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर को परिसर का अविलंब दौरा कर छात्र-छात्राओं व प्रबंधन से संवाद स्थापित करने तथा आवश्यक कदम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सीएम मोहन यादव ने वीआईटी यूनिवर्सिटी की घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को निजी विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों की उच्च स्तरीय समीक्षा कर छात्र हितों से जुड़ी समस्याओं की पहचान एवं त्वरित निराकरण के निर्देश भी दिए गए।
विमुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी विद्यार्थियों के भोजन-पानी से संबंधित समस्या को संज्ञान में लेकर त्वरित निराकरण करने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का हित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
वीआईटी यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत छात्रों का आरोप है कि उनकी समस्याओं को विश्वविद्यालय प्रबंधन गंभीरता से नहीं लेता।
लगातार उन्हें साफ और स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है। अन्य जो समस्याएं हैं उनका भी निराकरण नहीं होता और उसी का नतीजा है कि छात्रों में गुस्सा बढ़ गया। छात्रों ने मंगलवार की रात को हंगामा करते हुए तोड़फोड़ की थी और आगजनी भी की थी। बाद में भारी पुलिस बल को मौके पर तैनात करना पड़ा। अब हालात पूरी तरह सामान्य हैं। वहीं दूसरी ओर कई छात्र अपने घर चले गए।












