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राज्य के सभी मंदिरों, मठों और धर्मशालाओं को 15 दिनों के भीतर पंजीयन कराने के निर्देश


रांची,। झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड ने राज्य के सभी मंदिर, धर्मशाला, मठ, चैरिटेबल ट्रस्ट को रजिस्ट्रेशन कराने को कहा है। इस संबंध में बोर्ड के अध्यक्ष जय शंकर पाठक की ओर से सूचना भी जारी की गयी है। इसमें कहा गया है कि हिन्दू विधि द्वारा मान्यता प्राप्त धार्मिक, पवित्र या चैरिटेबल के लिए विद्यमान या आन्वयिक न्यास “धार्मिक न्यास” है। इसके अंतर्गत मंदिर, मठ, धर्मशाला एवं चैरिटेबल ट्रस्ट हो सकते हैं। ऐसे सभी धार्मिक न्यासों को झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड, रांची से अधिनियम की धारा-34 (हिन्दू धार्मिक न्यास अधिनियम 1950) के अंतर्गत पंजीयन कराना कानूनी अनिवार्यता है।

ऐसे में झारखंड में अवस्थित मंदिर, मठ, धर्मशाला एवं चेयरमैन ट्रस्ट के प्रबंधकों को आगामी 15 दिनों के अंदर इन धाराओं का अनुपालन हर हाल में करना अनिवार्य होगा। इनमें धारा-34 के तहत धार्मिक न्यास का बोर्ड से पंजीकरण कराना शामिल है। धारा-58 के आदेशों, निर्देशों का पालन, धारा-59 के तहत न्यास का ब्यौरा-विवरण निर्धारित फॉर्मेट में बोर्ड को भेजना, धारा-60 के तहत न्यास के आगामी वित्त वर्ष के आय-व्यय का बजट विवरण 15 जनवरी तक बोर्ड में दाखिल करना तथा धारा-70 के तहत न्यास के सकल वार्षिक आय में 20 प्रतिशत राशि और न्यास द्वारा देय सरकारी कर राशि को घटा कर शेष शुद्ध आय का पांच प्रतिशत पर्षद शुल्क बोर्ड कार्यालय में अविलंब जमा करना शामिल है।

बोर्ड के मुताबिक, अगले 15 दिनों के भीतर जारी किए गए निर्देशों का पालन नहीं किए जाने पर चिह्नित धार्मिक न्यासों के प्रबंधकों, व्यवस्थापकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। छह महीने से एक साल तक जेल की सजा के अलावा ऐसे न्यास के प्रबंधन समिति को अवक्रमित कर दिया जाएगा। वहां बोर्ड के स्तर से उन धार्मिक न्यासों के उचित प्रबंधन के लिए नयी समिति का गठन कर दिया जाएगा। ऐसे में वांछित डॉक्यूमेंट्स के साथ रजिस्ट्रेशन और अन्य कार्यों की प्रक्रिया धार्मिक न्यास पूरा कर लें, जो मंदिर, धर्मशाला, मठ, चैरिटेबल ट्रस्ट वर्ष 2001 या उसके बाद के वर्षों में स्थापित किए गये हैं, वे संबंधित निर्माण वर्ष की तिथि से बोर्ड को सूचित करें।

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