-हरियाणा सरकार के निर्देशों के तहत अस्पताल ने लौटाई यह राशि
-स्वास्थ्य मंत्री ने की थी घायल बच्चों का मुफ्त उपचार की बात
गुरुग्राम । कनीना के पास स्कूल बस हादसे में घायलों के मुफ्त
उपचार की घोषणा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने की थी, लेकिन गुरुग्राम के
आर्टेमिस अस्पताल में भर्ती कराए गए तीन बच्चों के परिजनों से अस्पताल ने
90 हजार रुपये जमा करा लिए। इस मामले की जानकारी सामने आते ही सरकार हरकत
में आई और इस विषय पर अस्पताल से बात कही। अब अस्पताल प्रबंधन ने बस हादसे
में घायल उपचाराधीन बच्चों के अभिभावकों को अस्पताल में एडमिट करने के समय
जमा की गई राशि लौटा दी है।
बता दें कि गुरुवार 12 अप्रैल
को हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने आर्टिमिस अस्पताल का
दौरा कर चिकित्सकों से उपचाराधीन स्कूली बच्चों के उपचार की विस्तृत
जानकारी ली थी। इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए थे कि
हादसे में घायल बच्चों के उपचार का पूरा खर्च हरियाणा सरकार द्वारा वहन
किया जाएगा। डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि महेंद्रगढ़ जिला के कनीना
में 11 अप्रैल को हुए बस हादसे के उपरांत तीन अभिभावकों ने बच्चों को आपात
हालात में आर्टिमिस अस्पताल में भर्ती कराया था। वहीं 12 अप्रैल को हरियाणा
के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने अस्पताल का दौरा कर बच्चों को दिए
जा रहे उपचार की जानकारी लेकर बच्चों के इलाज पर होने वाले खर्च को हरियाणा
सरकार की ओर से वहन करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि इस दौरान
जिला प्रशासन के संज्ञान में आया कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से नियमित
एडमिशन प्रक्रिया के तहत दो अभिभावकों से 50 हजार व 40 हजार की राशि बतौर
एडमिशन चार्ज ली गयी थी।
अस्पताल प्रबंधन ने कहा उन्हें बस हादसे की पूरी जानकारी नहीं थी
अस्पताल
प्रबंधन ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए जिला प्रशासन को बताया कि
एडमिशन के समय अस्पताल प्रबंधन को एडमिट किए गए बच्चों की बस हादसे की
पूर्ण जानकारी नहीं थी। डीसी ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन ने जिला प्रशासन के
दखल के बाद अपनी भूल स्वीकार कर दोनों अभिभावकों को जमा राशि लौटा दी है।
डीसी ने बताया कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से सिविल सर्जन डॉ.
वीरेंद्र यादव व उनकी टीम तीनों बच्चों के इलाज की प्रक्रिया पर निरंतर
नजर बनाए हुए है। वहीं बच्चों के अभिभावकों को आश्वस्त किया गया है कि किसी
भी प्रकार की सहायता के लिए वे निसंकोच जिला प्रशासन से संपर्क कर सकते।