देहरादून। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत अनाथ और ड्रापआउट बेटियों को एक नई दिशा मिलेगी, जिसके जरिए उनकी शिक्षा और उज्जवल भविष्य की नींव रखी जाएगी। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में मंगलवार को ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में आयोजित जिला स्तरीय टास्कफोर्स बैठक में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को मंजूरी दी गई।
बैठक में विशेष रूप से उन बेटियों पर ध्यान केंद्रित किया गया जो किसी कारणवश अपनी पढ़ाई छोड़ चुकी हैं या जिनका जीवन संघर्षों से जूझ रहा है। डीएम ने इन बेटियों के सपनों को उड़ान देने के लिए एक संपूर्ण और प्रभावी योजना की स्वीकृति दी है। यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देगी, बल्कि उनके जीवन के नए आयाम भी खोलेगी।
डीएम ने 10-18 वर्ष की ड्रापआउट बालिकाओं का घर-घर जाकर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। सर्वे के दौरान उन बालिकाओं के शिक्षा छोड़ने के कारणों की पहचान की जाएगी और फिर उन्हीं कारणों को दूर कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। चिन्हित बालिकाओं को विद्यालयों में फिर से प्रवेश दिलवाने का काम प्राथमिकता से किया जाएगा। ड्रापआउट बालिकाओं को शिक्षा की ओर फिर से प्रेरित करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। उनके लिए एकमुश्त स्कूल फीस जमा की जाएगी और उन्हें स्कूल ड्रेस, बैग, स्टेशनरी, किताबें और स्वच्छता किट प्रदान की जाएगी। यह कदम बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक होगा।
डीएम ने कहा कि केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि बालिकाओं के भविष्य को संवारने के लिए उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इच्छुक बालिकाओं को आर्किटेक्ट, कंप्यूटर, मेडिकल साइंस जैसे व्यावसायिक कोर्स के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस तरह के कोर्स उनके करियर की दिशा बदलने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाएंगे।
महिला सशक्तिकरण और जागरूकता अभियान
कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, घरेलू हिंसा और महिलाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जाएगा। सार्वजनिक स्थलों पर बालिकाओं द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर वॉल पेंटिंग करवाई जाएगी, जिससे समाज में एक सकारात्मक संदेश पहुंचेगा और बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
पालना डे-केयर सुविधा
कामकाजी माताओं के लिए बच्चों की देखभाल को लेकर पालना डे-केयर सुविधा शुरू की जाएगी। इन केंद्रों के माध्यम से बच्चों के पोषण और समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस कदम से कामकाजी महिलाएं अपने पेशेवर जीवन में और अधिक सशक्त हो सकेंगी।
शैक्षणिक भ्रमण और मोटिवेशनल कार्यक्रम
11वीं और 12वीं की छात्राओं को प्रेरणा देने और उनके जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए साइंस सिटी, झाझरा, एफआरआई और देहरादून जू का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा। इसके अलावा मोटिवेशनल मूवीज़ भी दिखाकर उनकी सोच और दृष्टिकोण को बदलने का प्रयास किया जाएगा।
जागरूकता रैली
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत एक जागरूकता रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 500 से अधिक बालिकाएं भाग लेंगी। इस रैली के माध्यम से समाज में बालिकाओं की शिक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी। बेटियों के भविष्य को संवारने के साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगी योजना
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा से न केवल उनका जीवन बल्कि उनका पूरा परिवार उन्नति की ओर बढ़ता है। यह योजना एक मजबूत कदम है जो बेटियों के भविष्य को संवारने के साथ-साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगी। उन्होंने अधिकारियों से निर्देश दिए कि वे प्रभावी और स्थायी परिणामों के लिए इस योजना पर तेजी से कार्य करें, ताकि बालिकाओं की शिक्षा में कोई रुकावट न आए और वे समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।