नई
दिल्ली । होम्योपैथी के संस्थापक जर्मन फिजिशियन डॉ.
सैम्युल हैनीमन की जयंती के साथ पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा इस चिकित्सा
पद्धति के क्षेत्र में सर्वांगीण उपचार के पांच दशक पूरे कर लिए। डॉ.
सैम्युल हैनीमन का जन्म 10 अप्रैल 1755 को हुआ था। डॉ. मुकेश बत्रा ने
होम्योपैथी हेल्थकेयर के परिदृश्य के बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
है। यह जानकारी 'डॉ. बत्राज ग्रुप' की विज्ञप्ति में दी गई।
विज्ञप्ति
के अनुसार डॉ. मुकेश 'डॉ. बत्राज ग्रुप' के संस्थापक हैं। उन्होंने मरीजों
की देखभाल को बेहतर बनाने के लिए नवाचार और तकनीक का इस्तेमाल किया। साथ
ही हाल में इस चिकित्सा पद्धति में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शामिल कर
उपचार की पारंपरिक विधि की सीमाओं को लांघने की चुनौती स्वीकार की।
'डॉ.
बत्राज ग्रुप' के संस्थापक पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा का कहना है कि यह
यात्रा कठिन थी, क्यों कि कई लोग होम्योपैथी या एक डॉक्टर के तौर पर मुझ पर
विश्वास नहीं करते थे। लेकिन मरीजों ने मुझ पर भरोसा किया और मैं आगे
बढ़ता रहा। मैं अपने सहकर्मियों, कर्मचारियों और परिवार के सहयोग पर आभारी
हूं, जो मुश्किल हालात में मेरे साथ खड़े रहे। विज्ञप्ति के अनुसार, डॉ.
बत्राज हेल्थकेयर के पास पांच देशों के 160 शहरों में 200 से ज्यादा
क्लिनिक्स का बड़ा नेटवर्क है। इन देशों में भारत, बांग्लादेश, यूके, यूएई
और बहरीन शामिल हैं।