बांदा। उत्तर प्रदेश में प्रथक बुंदेलखंड राज्य के लिए संघर्षरत बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के कार्यकर्ताओं का आंदोलन लगातार जारी है। समिति के केंद्रीय अध्यक्ष व पर्यावरणविद प्रवीण पांडेय 'बुंदेलखंडी' ने बताया कि वे अब तक 41 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से पत्र लिख चुके हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिवस (17 सितंबर) पर 42वां खत लिखकर उन्हें शुभकामनाएं देंगे और अलग बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग दोहराएंगे।
पांडेय के मुताबिक इस मुहिम में उनके सहयोगी भी शामिल होंगे और सभी लोग खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री को भेजेंगे। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन के अवसर पर हजारों बुंदेलखंडी बहनों ने प्रधानमंत्री को राखियां भेजकर 'उपहार' स्वरूप अलग राज्य की मांग की थी, लेकिन अब तक पीएमओ की ओर से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है।
प्रवीण पांडेय का कहना है कि भाजपा का इतिहास छोटे राज्यों के गठन का पक्षधर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ जैसे तीन नए राज्यों का गठन किया था। ऐसे में मोदी जी कम से कम एक राज्य बुंदेलखंड बनाने की पहल जरूर करें।
उन्होंने कहा कि रोज़गार की तलाश में यहां के लोग बड़े शहरों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। जबकि बुंदेलखंड की पहचान देश के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में हो सकती है। यहां की धरोहरें और प्राकृतिक संपदा अगर व्यवस्थित रूप से संरक्षित और विकसित की जाएं तो न केवल लाखों पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है बल्कि स्थानीय स्तर पर अपार रोज़गार भी सृजित होगा। समिति के अनुसार, फतेहपुर, चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, झांसी, जालौन, ललितपुर, निवाड़ी, पन्ना, दमोह, छतरपुर, सागर, दतिया, टीकमगढ़, घाटमपुर और कौशांबी सहित पूरे देश-विदेश में बसे बुंदेलखंडी लगातार पृथक राज्य की मांग कर रहे हैं।
बुंदेलखंड राज्य की मांग: 42वीं बार प्रधानमंत्री को खून से लिखा जाएगा खत
