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फतेहाबाद : ओएलएक्स, क्विक्र पर ‘आर्मी पर्सन’ बनकर ठगी कर रहे साइबर ठग, पुलिस ने किया सचेत


फतेहाबाद। ऑनलाइन खरीदारी आज के समय में आम बात बन चुकी है। इसी सहजता का फायदा उठाकर साइबर ठग लोगों के बैंक खातों पर डाका डाल रहे हैं। जिले में ऑनलाइन फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए फतेहाबाद पुलिस ने बुधवार को नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है। पुलिस अधीक्षक सिद्धांत जैन के निर्देश पर जारी एडवाइजरी में लोगों को आगाह किया गया है कि वे किसी भी अनजान वेबसाइट, संदिग्ध लिंक या अत्यधिक आकर्षक ऑफर के झांसे में न आएं। पुलिस ने कहा है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ऐसे कई फर्जी विक्रेता सक्रिय हैं जो सामान बेचने के बहाने एडवांस पेमेंट की मांग कर ठगी कर रहे हैं।

एसपी ने कहा कि सोशल मीडिया, ओएलएक्स या क्विकर जैसे प्लेटफॉर्मों पर खुद को आर्मी पर्सन या सरकारी कर्मचारी बताकर ठगी करना साइबर अपराधियों का नया और तेजी से बढ़ता तरीका बन गया है। लोग इन पहचान पर आसानी से भरोसा कर लेते हैं, जबकि धोखेबाज़ इसी भावनात्मक भरोसे का फायदा उठाते हैं। पुलिस ने ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए नागरिकों को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उन्होंने सलाह दी है कि किसी भी वेबसाइट पर खरीदारी करने से पहले उसके यूआरएल की जांच अवश्य करें और केवल एचटीटीपीएस:// से शुरू होने वाले प्रमाणित पोर्टल का ही उपयोग करें। 

अत्यधिक सस्ते ऑफर अक्सर फ्रॉड का हिस्सा होते हैं, इसलिए उनसे सावधान रहने की जरूरत है। बैंकिंग जानकारी, डेबिट/क्रेडिट कार्ड डिटेल और ओटीपी किसी के साथ साझा न करें। एसपी ने चेताया है कि कई ठग नकली कस्टमर केयर बनकर रिफंड या पेंडिंग चार्ज के नाम पर यूपीआई लिंक भेजते हैं और स्कैन करने को कहते हैं। नागरिकों को यह समझना चाहिए कि किसी भी वैध डिलीवरी या रिटर्न प्रक्रिया के लिए यूपीआई स्कैन या पेमेंट लिंक की आवश्यकता नहीं होती। ऑनलाइन ठगी की स्थिति में पुलिस ने पीडि़तों को तत्काल कार्रवाई की सलाह दी है। ठगी होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें या पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। पुलिस का कहना है कि जितनी जल्दी शिकायत दर्ज होगी, राशि की रिकवरी की संभावना उतनी ही अधिक होगी।

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