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कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के नाम के संक्षिप्त फॉर्म के खिलाफ दायर याचिका का किया विरोध



नई दिल्ली। कांग्रेस ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस के नाम के संक्षिप्त फॉर्म ‘इंडिया’ के खिलाफ दायर याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि ये राजनीति से प्रेरित याचिका है। कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर ये बातें कही है। हाई कोर्ट इस याचिका पर कल यानि 10 अप्रैल को सुनवाई करेगा।

कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि इस याचिका को दायर करने वाले याचिकाकर्ता गिरीश भारद्वाज विश्व हिन्दू परिषद से करीब से जुड़े हुए हैं। ऐसी याचिका दायर कर भारद्वाज अपनी राजनीतिक संबद्धता को बुलंद करना चाहते हैं। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि विश्व हिन्दू परिषद एक दक्षिणपंथी संगठन है जो आरएसएस से जुड़ा हुआ है। आरएसएस की राजनीतिक शाखा भारतीय जनता पार्टी है। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि ये याचिका पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन की आड़ में अपने राजनीतिक हित को पूरा करने के लिए दायर की गई है। कांग्रेस ने याचिका दाखिल करने वाले पर सवाल उठाए हैं पर याचिका में उठाए गए सवालों पर कुछ भी नहीं कहा है।

उल्लेखनीय है कि 2 अप्रैल को हाई कोर्ट ने इस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार और विपक्षी दलों को एक सप्ताह का समय देते हुए कहा था कि जवाब दाखिल करने का ये अंतिम मौका होगा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील वैभव सिंह ने कहा था कि याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट ने आठ मौके दिए हैं, लेकिन प्रतिवादियों ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया। उसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार और इंडिया गठबंधन के सभी विपक्षी दलों को एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया।

इस मामले पर अभी तक केवल निर्वाचन आयोग ने अपना जवाब दाखिल किया है। निर्वाचन आयोग ने हलफनामे कहा है कि वह जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत राजनीतिक गठबंधनों को विनियमित नहीं कर सकता है। निर्वाचन आयोग ने इस विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए एक फैसले का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि राजनीतिक गठबंधनों के कामकाज को विनियमित करने के लिए संवैधानिक निकाय को अनिवार्य करने वाला कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि राजनीतिक गठबंधन जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत मान्यता प्राप्त नहीं होते।

इसके पहले कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र, निर्वाचन आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस जारी किया था। याचिका एक व्यवसायी गिरीश भारद्वाज ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि इस नाम की वजह से चुनाव में कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। याचिकाकर्ता ने इसके पहले निर्वाचन आयोग को 19 जुलाई को पत्र लिखा था लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया जिसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।

याचिका में कहा गया है कि पार्टियों ने अनुचित लाभ उठाने के लिए गठबंधन का नाम इंडिया रखा है। याचिका में कहा गया है कि संक्षिप्त फॉर्म इंडिया गठबंधन केवल सहानुभूति बटोरने और वोट हासिल करने के लिए किया गया है। इस नाम का इस्तेमाल आगे राजनीतिक फायदे के लिए किया जा सकता है और लोगों की भावनाएं भड़कायी जा सकती है जो कानून-व्यवस्था के लिए समस्या पैदा करेगा। याचिका में कहा गया है कि इंडिया राष्ट्रीय प्रतीक का हिस्सा है और इसका इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं किया जा सकता है।

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