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विधानसभा में प्रधानमंत्री आवास को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरा



रायपुर , ।छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन आज मंगलवार काे प्रधानमंत्री आवास को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की । विपक्ष ने वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में बनने वाले पीएम आवास की जानकारी सदन में मांगी। इसके साथ ही शहरी गरीबों को पट्टा वितरण पर भी विभागीय मंत्री से प्रश्न पूछे । नगरीय प्रशासन मंत्री ने बताया कि इस समय प्रदेश में 19 हजार 906 पीएम आवास का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को सदन में प्रधानमंत्री आवास योजना का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि कि 18 लाख आवास बनाने की योजना का जो विज्ञापन जारी हुआ है, क्या शहरी आवास इसमें शामिल है या नहीं? पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने बताया कि शहरी आवास 18 लाख आवास के भीतर ही है।

विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया कि शहरी क्षेत्रों में आवास के कितने डीपीआर बनकर केंद्र को भेजा गया है। इस पर मंत्री अरुण साव ने कहा कि पिछली सरकार में 19 हज़ार 906 आवास बनाने का डीपीआर केंद्र को भेजा गया है। इस पर भूपेश बघेल ने पूछा कि केंद्र को भेजे गये कितने आवास की स्वीकृति दी गई है। इस पर मंत्री अरुण साव ने कहा कि स्वीकृति अभी नहीं मिली है। पिछले 8 माह में कोई पीएम आवास स्वीकृत नहीं हुए हैं। पीएम आवास के मापदंड का पालन करने वाले हितग्राहियों को पट्टा देने पर सरकार विचार करेगी, जरूरत पड़ने पर पीएम आवास की लागत बढ़ाने की जानकारी विभागीय मंत्री ने सदन में दी।

भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले आठ महीनों में एक भी आवास बनाने का प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। मंत्री ने कहा कि आवास बनाने का मापदंड है कि कितने मकान स्वीकृत है। भेजे गये प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद नये प्रस्ताव भेजे जाएंगे । इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि कच्चे मकान का पट्टा देना राज्य सरकार के हाथ में हैं। कच्चे मकान को पक्का करने का डीपीआर बनाकर केंद्र को स्वीकृत के लिए भेजा जाता है।साव ने कहा कि पट्टा वाले मकान को लेकर सरकार विचार कर रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आवास योजना को नौ साल हो गये हैं।मकान बनाना खर्चीला हो गया है। क्या 2015 की स्वीकृत राशि को बढ़ाने की पहल सरकार करेगी?

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