किसानों का आरोप है कि नहर की समय पर सफाई नहीं की गई और जगह-जगह चूहों के बिलों के कारण नहर अंदर से खोखली हो चुकी थी। कई बार शिकायत करने के बावजूद सिंचाई विभाग ने सुधार नहीं किया, जिसका नतीजा यह बड़ा कटाव बनकर सामने आया। किसानों के मुताबिक नहर में देर रात पानी छोड़ा गया था। यदि पानी दिन में छोड़ा जाता तो खेतों में मौजूद किसान स्थिति को संभाल लेते और बड़े नुकसान से बचाव हो सकता था। घटना की सूचना मिलते ही गांव के 10 से 12 किसान मौके पर पहुंचे।
प्रशासन की ओर से तत्काल कोई व्यवस्था न होते देख किसानों ने खुद ही जेसीबी मशीन मंगवाकर कटाव को बंद करने का काम शुरू कराया। बाद में विभाग का एक बेलदार मौके पर पहुंचा और उसने अधिकारियों को जानकारी दी। किसानों का कहना है कि कुछ देर बाद प्रशासन की ओर से भी एक जेसीबी भेजी गई, जो नहर को बंद करने के प्रयास में लगी है। स्थानीय किसानों ने बताया कि यह डिस्ट्रीब्यूटरी गोहाना होते हुए रोहतक की ओर जाती है और नेशनल राजमार्ग के साथ-साथ चलती है। उनका कहना है कि छोटे कटाव को किसान खुद संभाल लेते हैं, लेकिन इस बार कटाव काफी बड़ा था, जिसे केवल मशीनों से ही रोका जा सकता है। लगातार पानी का बहाव जारी रहने से खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं और आगे की बिजाई पर भी विपरीत असर पड़ेगा। किसानों ने कहा कि इस समय खेतों को पानी की बिल्कुल जरूरत नहीं थी, लेकिन तेज बहाव ने उनकी महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया। अब किसान प्रशासन से नुकसान की भरपाई और उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
सोनीपत में रोहतक डिस्ट्रीब्यूटरी नहर टूटने से 70 एकड़ फसल जलमग्न
सोनीपत। सोनीपत जिले के गोहाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह माहरा गांव के पास रोहतक डिस्ट्रीब्यूटरी नहर अचानक टूट गई। सुबह लगभग छह बजे हुए इस कटाव के बाद नहर का तेज बहाव सीधे खेतों में घुस गया, जिससे भारी पैमाने पर फसलें जलमग्न हो गईं। स्थानीय किसानों के अनुसार करीब 60 से 70 एकड़ कृषि भूमि पूरी तरह पानी में डूब गई, जहां गेहूं और गन्ने की फसलें खड़ी थी।












