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संशोधित : खड़गपुर में वैकुंठ एकादशी का दिव्य उत्सव, संध्या को प्रज्वलित होंगे 10 हजार एक दीप


(हेडिंग में संशोधन के साथ पुनः जारी)

खड़गपुर। वैष्णव परंपरा के परम पावन पर्व वैकुंठ एकादशी के अवसर पर खड़गपुर के ओल्ड सेटलमेंट स्थित वैकुंठ बालाजी देवस्थानम् में मंगलवार को भोर से ही भव्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन प्रारंभ हो गया।

इस अवसर पर संध्या काल में 10 हजार एक दीपों के प्रज्वलन को केंद्र में रखकर भव्य वैकुंठ दीपोत्सव आयोजित किया जा रहा है, जो पूरे कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण है।

मंगलवार सुबह छह बजे से भगवान बालाजी के उत्तर द्वार दर्शन का शुभारंभ हुआ। इसके पश्चात सुबह 6.30 बजे से अखंड गोविंद नाम-पारायण प्रारंभ किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु सहभागिता कर रहे हैं। मंदिर परिसर में दिनभर भक्ति और श्रद्धा का वातावरण बना हुआ है।

मंदिर प्रबंधन की ओर से बताया गया कि पूर्वाह्न 11 बजे भगवान को महानैवेद्य (छप्पन भोग) अर्पित किया गया। वहीं, श्रद्धालुओं के लिए प्रातःकाल से ही विशेष अन्नावरम् महा अलुवा प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है।

मंदिर के सचिव आर किशोर ने जानकारी दी, कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण संध्या छह बजे होने वाला वैकुंठ दीपोत्सव है, जिसमें एक साथ 10 हजार एक दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। मंदिर परिसर दीपों के आलोक से जगमगा उठेगा और भक्तिमय वातावरण में भगवान बालाजी की आराधना की जाएगी। इसके पश्चात रात्रि आठ बजे वैकुंठ आरती संपन्न होगी।

मंदिर समिति के अध्यक्ष दामोदर राव तथा चेयरमैन दीपचंद साहा ने बताया कि वैकुंठ एकादशी के इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा एवं सुचारु दर्शन व्यवस्था के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से कार्यक्रम में सहभागी बनकर दीपोत्सव के साक्षी बनने का आह्वान किया।

उल्लेखनीय है कि वैकुंठ एकादशी पर भगवान विष्णु एवं भगवान बालाजी के दर्शन को मोक्षदायी माना जाता है। इस दिन प्रज्वलित होने वाले 10 हजार एक दीप धर्म, आस्था और लोककल्याण के प्रतीक के रूप में विशेष महत्व रखते हैं।

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