इस्लामाबाद। जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान
खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी पर सेना समेत विभिन्न राजकीय संस्थाओं के
खिलाफ भड़काऊ बयान जारी करने को लेकर बृहस्पतिवार को एक अदालत ने रोक लगा
दी है।
एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद की
जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश बसीर जावेद ने यह भी कहा कि मीडिया को अपनी
रिपोर्टिंग अदालत की कार्यवाही तक सीमित रखनी चाहिए और उसे आरोपियों के
बयानों की रिपोर्टिंग नहीं करनी चाहिए। आदेश के मुताबिक पाकिस्तान
तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक खान ने सेना, न्यायपालिका एवं सेना प्रमुख समेत
राजकीय संस्थाओं के विरूद्ध भड़काऊ राजनीतिक बयान दिया था।
अदालती
आदेश के अनुसार ऐसे बयानों से न्यायिक अनुशासन बाधित होता है एवं न्यायिक
कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है। इस आदेश में कहा गया है कि पीटीआई
संस्थापक की सुनवाई के दौरान मीडिया आरोपियों के बयानों पर नहीं, बल्कि
अदालती कार्यवाही तक अपनी रिपोर्टिंग सीमित रखेगी।
अपने
आदेश में अदालत ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष, आरोपी एवं उनके वकील ऐसा कोई
राजनीतिक एवं भड़काऊ बयान नहीं दें जिनसे अदालती अनुशासन बाधित हो। खान ने
अडियाला जेल में मीडियाकर्मियों से संवाद के दौरान कहा था, ‘‘लोकतंत्र
कानून की सर्वोच्चता तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की धुरी पर टिका है
लेकिन हमने जो कुछ देखा वह जंगल कानून था। पंजाब के उपचुनावों में पुलिस का
दखल बहुत ही चिंताजनक है।’’