काठमांडू, । भारत सरकार ने नेपाल के लोअर अरुण हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट
के निर्माण के लिए सतलज जल विद्युत निगम को 5 हजार करोड़ रुपये निवेश की
अनुमति दी है। इसके निर्माण के लिए नेपाल सरकार ने सतलज जलविद्युत निगम को
जिम्मेदारी दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई
कैबिनेट की बैठक में 669 मेगावाट क्षमता वाले लोअर अरुण जलविद्युत्
परियोजना के लिए सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) को 5,792 करोड़ रुपये
निवेश की अनुमति दी है। इस बारे में जानकारी देते हुए नेपाल में रहे
एसजेवीएन नेपाल के सीईओ अरुण धीमान ने बताया कि भारत सरकार ने नेपाल के
लोअर अरुण के लिए निवेश की अनुमति को स्वीकृत कर दिया है।
669
मेगावाट लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना का निर्माण अगले पांच वर्षों के भीतर
पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह प्रोजेक्ट नेपाल के संखुवासभा जिले के
मकालु गांवपालिका में बनाया जाएगा। इसकी चार इकाइयां होंगी। प्रत्येक इकाई
की क्षमता 167.25 मेगावाट होगी।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के
पिछले कार्यकाल अर्थात 29 जनवरी 2021 को उनकी अध्यक्षता में आयोजित निवेश
बोर्ड की 46वीं बैठक में लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना का निर्माण भारत के
सतलुज जलविद्युत निगम को सौंपने का निर्णय लिया गया था। सतलुज को सार्वजनिक
निजी भागीदारी मॉडल (निर्माण, स्वामित्व, संचालन और ट्रांसफर-बूट) के तहत
बनाने के लिए चयनित किया गया था।
गौरतलब है कि एसजेवीएन के तरफ से
ही 900 मेगावाट का अरुण 3 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट भी बनाया जा रहा है, जिसके
निर्माण का लक्ष्य 2024 के अंत तक रखा गया है। कोरोना के कारण तीन सालों
तक काम प्रभावित होने के बावजूद तय समय पर काम संपन्न करने का विश्वास सीईओ
धीमान ने व्यक्त किया है।