काठमांडू, । भारतीय कथावाचक अनिरुद्धाचार्यजी महाराज ने नेपाल में
तेजी से हो रहे धर्मांतरण पर चिंता जाहिर की है। श्रावण महीने में
पशुपतिनाथ मंदिर में आयोजित कोटि होम महायज्ञ में प्रवचन के लिए आए
अनिरुद्धाचार्यजी महाराज ने कहा कि नेपाल प्रकृति, धर्म और संस्कृति की
दृष्टि से एक पवित्र स्थान है। नेपाल और भारत के लोगों के प्रकृति एवं
संस्कृति से जुड़े होने से दोनों देशों के बीच का संबंध अद्वितीय और अनुपम
है।
भारत में जातिगत जनगणना पर हो रही चर्चा पर टिप्पणी करते हुए
अनिरुद्धाचार्यजी ने इसे हिन्दू समाज के लिए अभिशाप बताया है। अपनी कथा के
दौरान उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज को अपनी जाति के कारण एक-दूसरे के साथ
भेदभाव नहीं करना चाहिए। सभी मनुष्य एक हैं। उन्होंने जाति के आधार पर
भेदभाव और छुआछूत का हिन्दू समाज में कोई स्थान नहीं होने की बात भी कही।
नेपाल
में मिशनरियों के द्वारा धड़ल्ले से धर्म परिवर्तन होने का जिक्र करते हुए
अनिरुद्धाचार्यजी ने कहा कि नेपाल की पहचान हिन्दू राष्ट्र की है। पूरे
विश्व में नेपाल को एकमात्र हिन्दू राष्ट्र के रूप में जानते पहचानते हैं।
जिस तरह से हाल ही में धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं वह ना सिर्फ
नेपाल के लिए बल्कि भारत के लिए भी चिंता का विषय है। इस तरह धर्म बदलने से
नेपाल हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। इसको लेकर दोनों देशों की समाज को चिंता
करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेपाल का सबसे करीबी दोस्त भारत है। नेपाल और
भारत के रिश्ते हमेशा अच्छे रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि भारत की वजह से
नेपाल की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।