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अमृत स्नान के लिए अखाड़ों के स्नान का समय और आने—जाने का रूट हुआ तय


महाकुम्भ नगर। महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत शाही स्नान (अब अमृत स्नान) करते हैं। अखाड़ों को विशेष क्रम में स्नान का अधिकार दिया जाता है, जो परंपराओं और उनकी प्रतिष्ठा के आधार पर तय होता है। कुंभ मेला प्रशासन की तरफ से सभी 13 अखाड़ों को अमृत स्नान संबंधी समय सूची जारी की गई है। सबसे पहले, महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के संत-महंत, महामंडलेश्वर अमृत स्नान करेंगे। परंपरानुसार, पहले सातों संन्यासी स्नान करेंगे, इसके बाद तीनों वैरागी और अंत में तीनों उदासीन अखाड़े स्नान करेंगे। गौरतलब है कि, महाकुंभ के दौरान कुल छह स्नान आयोजित होंगे, जिनमें से तीन स्नान अमृत (शाही) स्नान होंगे, जिन्हें अखाड़े विशेष रूप से करते हैं। पहले अमृत स्नान का आयोजन मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को होगा, दूसरा मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को और तीसरा वसंत पंचमी के दिन 3 फरवरी को होगा।

पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत जमुना पुरी के अनुसार, मकर संक्रान्ति यानी 14 जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी सबसे पहले अमृत स्नान करेगा, जिसके साथ श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा भी होगा। यह अखाड़ा 5.15 पर शिविर से प्रस्थान करेगा और 6.15 पर घाट पहुंचेगा। इसे 40 मिनट का समय स्नान के लिए दिया गया है. यह 6.55 पर घाट से वापस शिविर के लिए रवाना होगा और 7.55 पर शिविर पहुंचेगा।

दूसरे स्थान पर स्नान करेगा श्री निरंजनी अखाड़ाअमृत स्नान में दूसरे स्थान पर श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा, एवं श्री पंचायती अखाड़ा आनन्द है। इसका शिविर से प्रस्थान का समय 06.05, घाट पर आगमन का समय 07.05, स्नान का समय 40 मिनट, घाट से प्रस्थान का समय 7.45 शिविर में आगमन का समय 8.45 रहेगा।

तीसरे स्थान पर संन्यासी अखाड़ों का अमृत स्नानतीसरे स्थान पर तीन संन्यासी अखाड़े अमृत स्नान करेंगे, जिसमें श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा एवं श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़ा शामिल हैं। इसका शिविर से प्रस्थान का समय 07.00.घाट पर आगमन का समय 08.00,स्नान का समय 40 मिनट, घाट से प्रस्थान का समय 8.40 शिविर में आगमन का समय 9.40 होगा।

बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अनी अखाड़ा करेगा स्नानतीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाडा 09.40 पर शिविर से चलेगा, 10.40 पर घाट पहुंचेगा और 30 मिनट स्नान के बाद 11.10 पर घाट से रवाना होकर 12.10 पर शिविर पहुंच जाएगा। इसी क्रम में अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाडा 10.20 पर शिविर से निकलेगा, 11.20 पर घाट पहुंचना, 50 मिनट स्नान के बाद 12.10 पर घाट से रवाना होकर 13.10 पर शिविर वापस आ जाएगा। अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा 11.20 पर शिविर से चलेगा, 12.20 पर घाट पहुंचेगा। 30 मिनट स्नान के बाद 12.50 पर वहां से वापस 13.50 पर शिविर आ जायेगा।

उदासीन और निर्मल अखाड़ों की समय सूचीशेष बचे तीन अखाड़ों में उदासीन अखाड़े आते हैं। इसमें उदासीन श्री पंचायती नया उदासीन अखाडा 12.15 पर अपने शिविर से रवाना होकर 13.15 पर घाट पहुंचेगा और 55 मिनट स्नान करने के बाद 14.10 पर घाट से रवाना होकर 15.10 पर शिविर पहुंच जाएगा। इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा, नया उदासीन, निर्वाण की बारी है, जो 13.20 बजे शिविर से उठेगा और 14.20 पर घाट पहुंचेगा। यहां एक घंटे स्नान के बाद 15.20 पर घाट से रवाना होकर 16.20 पर शिविर आ जायेगा।

आखिर में श्री पंचायती निर्मल अखाड़े का स्नानसबसे आखिर में अमृत स्नान करेगा श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा। यह अखाड़ा 14.40 पर शिविर से चलेगा और 15.40 पर घाट पहुंचेगा। चालीस मिनट स्नान करने के बाद 16.20 पर घाट से रवाना होकर 17.20 पर शिविर आ जायेगा। यह समय सूची केवल मकर संक्रांति और बसंत पंचमी स्नान के लिए है।

अखाड़ों के संगम जाने का रास्ता तयस्नान के लिए जाने वाले रथों और वाहनों की संख्या मेला पुलिस द्वारा जारी पास के अनुसार ही निर्धारित की जाएगी। अखाड़ों का संगम क्षेत्र (सेक्टर तीन) में अमृत स्नान के लिए आगमन त्रिवेणी मार्ग सेक्टर 20 से पीपा पुल संख्या छह (त्रिवेणी दक्षिणी) और पीपा पुल संख्या सात (त्रिवेणी मध्य) के जरिए गंगा पार करके होगा। वहां त्रिवेणी मार्ग और अखाड़ा मार्ग के क्रॉसिंग पर बाएं मुड़कर निर्धारित संगम घाट पर स्नान की व्यवस्था की गई है। संगम क्षेत्र में अखाड़ों के वाहनों के लिए विशेष पार्किंग व्यवस्था भी की गई है।

संगम से वापसी का रूटसंगम में स्नान के बाद, अखाड़ों के संत और अनुयायी सेक्टर तीन के अखाड़ा वापसी मार्ग से दाहिने मुड़कर पीपा पुल संख्या तीन (महावीर दक्षिणी) और पीपा पुल संख्या चार (महावीर उत्तरी) के जरिए गंगा पार करेंगे। इसके बाद वे महावीर मार्ग, महावीर संगम लोवर और महावीर संगम लोवर मार्ग क्रॉसिंग से बाएं (उत्तर मुड़कर) अखाड़ा वापसी मार्ग से होते हुए अपने-अपने शिविरों में जाएंगे। संन्यासी अखाड़े अपने शिविर में प्रवेश के लिए काली मार्ग का उपयोग करेंगे।

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