पुलिस के अनुसार पहली कार्रवाई चिनहट निवासी गैंगेस्टर अभियुक्ता शकुन्तला शर्मा के विरुद्ध की गई। अभियुक्ता द्वारा अपराध के माध्यम से अर्जित की गई सम्पत्ति, जिसकी खरीद कीमत करीब 45 लाख रुपये और वर्तमान बाजार मूल्य करीब 40 लाख रुपये है, को अंतिम रूप से राज्य सरकार के पक्ष में कुर्क किया गया। न्यायालय द्वारा 25 जुलाई 2025 को प्रारम्भिक आदेश पारित कर अभियुक्ता को वैध आय का स्रोत बताने का अवसर दिया गया था, लेकिन वह सम्पत्ति के वैध स्रोत को साबित नहीं कर सकी। अभियुक्ता के खिलाफ गोमतीनगर थाना क्षेत्र में संगठित अपराध, धोखाधड़ी, कूटरचना, आपराधिक षड्यंत्र सहित कुल चार आपराधिक मामले दर्ज हैं।
दूसरी कार्रवाई जनपद सीतापुर का रहने वाला गैंग लीडर रोहित श्रीवास्तव के खिलाफ की गई, जिसकी अपराध से अर्जित करीब 65 हजार रुपये की सम्पत्ति को कुर्क किया गया है। रोहित श्रीवास्तव वर्ष 2016 से अपराध जगत में सक्रिय है और उसके खिलाफ लखनऊ के विभिन्न थानों में 27 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें लूट, नकबजनी, चोरी और गैंगेस्टर एक्ट के मामले शामिल हैं। सुनवाई के दौरान वह भी सम्पत्ति का वैध स्रोत प्रस्तुत नहीं कर सका।
तीसरी कार्रवाई मटियारी, थाना चिनहट का वाला गैंग लीडर राकेश शर्मा उर्फ राकेश कुमार शर्मा के विरुद्ध की गई, जिसकी करीब 1.44 लाख रुपये की सम्पत्ति को राज्य के पक्ष में कुर्क किया गया। अभियुक्त वर्ष 2020 से संगठित अपराध में संलिप्त रहा है और उसके खिलाफ हजरतगंज, वजीरगंज और गोमतीनगर थानों में धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और गैंगेस्टर एक्ट सहित कुल सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। न्यायालय के समक्ष वह भी सम्पत्ति के वैध अर्जन का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सका।
पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ ने स्पष्ट किया कि संगठित अपराधियों द्वारा अपराध के जरिए अर्जित सम्पत्तियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। गैंगेस्टर एक्ट के तहत इस तरह की कुर्की कार्रवाई का उद्देश्य अपराधियों की आर्थिक कमर तोड़ना और संगठित अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाना है।
लखनऊ: गैंगेस्टरों पर बड़ी कार्रवाई, 47 लाख से ज्यादा की सम्पत्ति कुर्क
लखनऊ। पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत संगठित अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ही दिन में तीन अलग-अलग मामलों में करीब 47 लाख रुपये की अवैध रूप से अर्जित सम्पत्तियों को राज्य के पक्ष में कुर्क कर लिया है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रिया-कलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की धारा 14(1) के तहत की गई है। सभी मामलों में संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय), लखनऊ की अदालत से अंतिम आदेश पारित हुआ।












