काशी तमिल संगमम 4.0 : किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने अयोध्या में किए रामलला के दर्शन
अयोध्या। काशी तमिल संगमम 4.0 के अंतर्गत आए किसानों के प्रतिनिधिमंडल के लिए गुरुवार का दिन भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण बन गया। प्रतिनिधिमंडल ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी और पवित्र सरयू नदी का दर्शन किया और इस अनुभव ने हर किसान के दिल को गहराई से स्पर्श किया।
जैसे ही किसान राम मंदिर के दर्शन स्थल पर पहुंचे, उनके कदम थम गए और आंखें नम हो उठीं।
कई किसान भावुक होकर बोले कि यह केवल दर्शन नहीं, बल्कि 500 वर्षों की आस्था, संघर्ष और प्रतीक्षा की पूर्णता है। प्रभु श्रीराम की भव्य प्रतिमा को देखते ही उनके भीतर संचित भावनाएं उमड़ पड़ीं। कुछ किसान तो हाथ जोड़कर खड़े ही रह गए, मानो उनके पास शब्द ही न बचे हों। उन्होंने कहा कि आज उन्हें महसूस हुआ कि “सदियों की प्रतीक्षा का फल मिल गया।”
इसके बाद किसानों ने हनुमानगढ़ी पहुंचकर बजरंगबली के चरणों में प्रणाम किया। जयकारों की गूंज और भक्तिभाव से भरे वातावरण ने उन्हें भीतर तक ऊर्जा से भर दिया।
कई किसानों ने कहा कि हनुमानजी के दरबार में खड़े होकर उन्हें जीवन के संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा मिली।
दोपहर में जब वे सरयू नदी के तट पहुंचे, तो नदी की ठंडी हवा और शांत प्रवाह ने उन्हें गहरी आध्यात्मिक शांति प्रदान की। किसान सरयू जी के किनारे बैठकर देर तक उस शांति को महसूस करते रहे। कई ने कहा कि सरयू के सामने मन पूरी तरह से स्थिर हो गया जैसे सारी थकान बहती लहरों में समा गई हो।
प्रतिनिधिमंडल ने अत्यंत भावुक होकर कहा कि काशी तमिल संगमम ने उन्हें केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं दी, बल्कि आस्था, इतिहास और आध्यात्मिकता को करीब से अनुभव करने का अवसर दिया। यह यात्रा, विशेषकर राम मंदिर का दर्शन, उनके लिए सदैव स्मरणीय रहेगा।
काशी तमिल संगमम 4.0 उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का सेतु बनकर, ऐसे भावपूर्ण क्षणों को जन्म दे रहा है और किसानों का यह अनुभव उसी एकता की सबसे सुंदर मिसाल है।












