देहरादून, । उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव पहले चरण में है। राज्य
के पांच लोकसभा सीटों में से अल्मोड़ा एक ऐसी लोकसभा सीट है जिस पर सभी
उम्मीदवार बेदाग हैं जबकि 04 लोकसभा सीटों पर 06 उम्मीदवारों का आपराधिक
इतिहास है। भाजपा-कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों के उम्मीदवार बेदाग है।
उत्तराखंड
की पांच लोकसभा सीट में से केवल एक सीट अल्मोड़ा से निर्दलीय उम्मीदवार
अर्जुन कुमार देव ने अपना नामांकन वापस लिया है। अब प्रदेश की पांच लोकसभा
निर्वाचन सीटों पर कुल 55 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। टिहरी सीट पर
11, पौड़ी गढ़वाल पर 13, अल्मोड़ा में 7, नैनीताल में 10 और हरिद्वार में 14
उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव मैदान में कुल
55 उम्मीदवार में से कुल 06 उम्मीदवार का आपराधिक इतिहास है।
भारतीय
जनता पार्टी (भाजपा) ने कुमाऊं मंडल से नैनीताल से केंद्रीय राज्य मंत्री
अजय भट्ट और अल्मोड़ा से निवर्तमान सांसद अजय टम्टा और गढ़वाल मंडल से
निवर्तमान सांसद टिहरी से माला राज्य लक्ष्मी शाह, हरिद्वार से पूर्व
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, गढ़वाल से अनिल बलूनी को चुनाव मैदान में
उतारा हैं, जबकि कांग्रेस ने कुमाऊं मंडल के नैनीताल से प्रकाश जोशी और
अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा चुनाव लड़ रहे हैं। हरिद्वार से पूर्व
मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र सिंह रावत, टिहरी से जोत सिंह
गुनसोला, गढ़वाल से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल चुनाव
मैदान में हैं। इनमें से किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं
है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने हरिद्वार से जमील अहमद और
गढ़वाल से धीर सिंह चुनाव मैदान में उतारा है और 03 सीटों पर कोई उम्मीदवार
नहीं उतारा है। जमील के खिलाफ मुजफ्फरनगर के ककरौली और शहर कोतवाली में
मुकदमे दर्ज हैं। धीर सिंह के खिलाफ सहारनपुर जिले में जालसाजी और
धोखाधड़ी के पांच मुकदमे दर्ज हैं।
टिहरी लोकसभा के
निर्दलीय उम्मीदवार बॉबी पंवार पर दर्ज मुकदमों की फेहरिस्त लंबी है। बॉबी
पंवार पर दो जिलों में कुल आठ मुकदमे दर्ज हैं। बॉबी पंवार को यूकेडी सहित
अन्य क्षेत्रीय दलों ने भी समर्थन किया है। अंकिता हत्याकांड के बाद
चर्चाओं में आए आशुतोष सिंह पौड़ी लोकसभा सीट से उत्तराखंड क्रांति दल के
टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले दिनों उन्हें एससीएसटी एक्ट के मामले में
गिरफ्तार भी किया गया था। उनके खिलाफ कोतवाली पौड़ी में दो, कर्णप्रयाग,
कोटद्वार, लैंसडौन आदि थानों में कुल सात मुकदमे दर्ज हैं।
निर्दलीय
खानपुर विधायक और हरिद्वार लोकसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे उमेश कुमार
2013 में न्यायालय की अवमानना के दोषी भी पाए गए थे। उन्हें रजिस्ट्रार
कार्यालय में एक घंटे तक कुर्सी पर बैठने की सजा मिली थी। देहरादून के
राजपुर में डरा धमकाकर आतंकित करने के आरोप में 2018 में मुकदमा दर्ज किया
गया था। इसके अलावा रांची में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ। उनके खिलाफ
सीबीआई में भी एक मुकदमा आपराधिक षड्यंत्र और सरकारी अधिकारी को रिश्वत का
लालच देकर काम कराने के आरोप में दर्ज है।